असफलता का आम कारण क्या है ?

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असफलता का आम कारण क्या है ?

आर यु डार्बी के एक अंकल गोल्डरश के दौर में “स्वर्ण की खोज के अभियान ” में जुट गए | वे खुदाई करने और अमीर बनने के लिए पश्चिम दिशा में गए | वे नहीं जानते थे कि धरती के नीचे जितना सोना छुपा है उससे कहीं ज्यादा सोना इंसानों के विचारों में छुपा है | वे तो कुदाली-फावड़ा लेकर जमीन के एक टुकड़े पर खुदाई करने में जुट गए |

कई सफ्ताह की मेहनत के बाद उन्हें चमकते हुए स्वर्ण की झलक दिखाई दी | परंतु उस सोने को सतह तक लाने के लिए मशीनों की जरुरत थी | चुपचाप उन्होंने खदान का मुँह ढँक दिया और मैरीलेंड के विलयमबर्ग के अपने घर लौट आए | उन्होंने अपने रिश्तेदारों और कुछ दोस्तों को ” सोने की खुदाई में सफलता ” के बारे में बताया | उन्होंने मिलकर मशीनों को खरीदने के लिए आवश्यक धन जुटाया | अंकल और डार्बी खदान पर काम शुरू करने के लिए वापस लौटे |

कच्ची धातु की पहली खेप को स्मेल्टर तक पहुँचाया गया | वँहा यह पता चला कि उनकी खदान कोलोरेडो की सबसे बढ़िया खदान थी | कच्ची धातु की खेपों में ही उनके कर्ज उतर जाते | फिर भारी मुनाफे की बारी आती |

खुदाई करने वाली मशीनें नीचे जा रही थीं | डार्बी और अंकल की आशाएँ आसमान छू रही थीं | तभी अचानक कुछ हुआ | सोने की झलक गायब हो गई | वे इंद्रधनुष के आखिरी सिरे पर आ गए थे और स्वर्ण पात्र अब वहाँ नहीं था | वे खोदते रहे, इस आशा में कि एक बार फिर सोने की झलक दिख जाए -परन्तु उनकी मेहनत बेकार गई |

आखिरकार, उन्होंने मैदान छोड़ने का फैसला किया |

उन्होंने एक कबाड़ी को मशीनें कौड़ियों के मोल बेच दीं और ट्रेन पकड़कर वापस घर लौट आए | कबाड़ी ने एक माइनिंग इंजीनियर को बुलवाकर खदान का इंस्पेक्शन करवाया | इंजीनियर ने सलाह दी कि यह प्रोजेक्ट इसलिए असफल हुआ क्यूँकिं इसके मालिक यह नहीं जानते थे कि बीच में ” फॉल्ट लाइन ” आती है | उसके विश्लेषण के अनुसार सोने की झलक उस स्थान से मात्र तीन फुट निचे थी जहाँ डार्बी ने खुदाई बंद की थीं | और इंजीनियर का अनुमान सच साबित हुआ |

कबाड़ी को खदान से लाखों-करोडों डॉलर का सोना मिला, सिर्फ इसलिए क्योंकि वह जनता था कि हार मानने से पहले विशेषज्ञ कि सलाह लेना उचित होता है | 

निष्कर्ष

असफलता का एक आम कारण यह है कि लोग अस्थाई पराजय के बाद मैदान छोड़ देते हैं | हर व्यक्ति कभी न कभी यह गलती जरूर करता है | कबाड़ी को खदान से लाखों-करोडों डॉलर का सोना , सिर्फ इसलिए मिला क्योंकि वह जनता था कि हार मानने से पहले विशेषज्ञ कि सलाह लेना उचित होता है | यही असफलता से सफलता की कहानी है |

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