|

सच्चा पुरुषार्थ

Spread the love
सच्चा पुरुषार्थ

समय के साथ ही स्वामी विवेकानंद का ज्ञान और बातें पूरी दुनिया में फैल रही थीं। उनके भाषण और बातों से भारत के लोग ही नहीं, बल्कि विदेशी भी प्रभावित थे। हर कोई उन्हें अपना आदर्श मानने लगा था।

स्वामी विवेकानंद की बातों और विचारों से एक विदेशी महिला इतनी प्रभावित हुई कि मन ही मन में उन्होंने स्वामी से शादी करने की ठान ली। वो हर दिन उनके बारे में ही सोचती रहती थी। उस महिला ने स्वामी से मिलने की भी बहुत कोशिश की, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया।

कुछ समय बाद एक बार वह विदेशी महिला उस प्रोग्राम में पहुंच गई जहां स्वामी विवेकानंद भी मौजूद थे। वो बिना किसी डर के स्वामी के पास पहुंची और बिना किसी डर के कहा, ”मैं आपसे शादी करना चाहती हूं।” महिला की मन की बात को सुनकर स्वामी विवेकानंद ने उनसे सवाल किया कि आखिर आप मुझसे ही शादी क्यों करना चाहती हैं। मुझमें ऐसा क्या आपने देखा है?

स्वामी के सवाल का जवाब देते हुए उस विदेशी महिला ने कहा कि आपसे मैं बहुत प्रभावित हूं। आप बड़े ज्ञानी और गुणवान हैं। मैं चाहती हूं कि मेरा बेटा भी बिल्कुल आपके जैसा ही हो। इसी वजह से मैं आपसे शादी करना चाह रही हूं।

महिला की इस इच्छा को जानकर स्वामी ने महिला से कहा कि ऐसा होना असंभव है, क्योंकि मैं एक संन्यासी हूं। फिर उन्होंने आगे कहा कि भले ही मैं आपसे शादी नहीं कर सकता, लेकिन आपकी इच्छा को पूरा कर सकता हूं। महिला ने स्वामी से पूछा कि वो कैसे होगा। स्वामी विवेकानंद ने कहा कि आप मुझे ही अपना बेटा मान लीजिए और आपको मां मान लेता हूं। ऐसा करने से आपको मेरे जैसा ही बेटा मिल जाएगा।

स्वामी विवेकानंद की बातों को सुनते ही महिला उनके पैरों पर गिर गई। उसने आगे कहा कि आप सचमुच बहुत बुद्धिमान हैं। मुझे आप पर गर्व है।

ऐसा करके स्वामी विवेकानंद ने खुद को अच्छा पुरुष साबित किया और सच्चे पुरुषार्थ का उदाहरण दिया। असली पुरुषार्थ वही होता है जब पुरुष के मन में नारी के लिए मां जैसा सम्मान का भाव होता है।

निष्कर्ष :

हर पुरुष को महिला को सम्मान के भाव से देखना चाहिए। ऐसा माना भी गया है कि जहां महिला का सम्मान होता है, वहां देवता का वास होता है।

आशा करता हूँ कि आपको ये post “ सच्चा पुरुषार्थ “ पसंद आया होगा | यदि आपको ये Post पसंद आया है,तो इसे अपने मित्रों और प्रियजनों के साथ साझा करें , साथ ही अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक और व्हाट्सप्प पर भी शेयर करें |

इस पोस्ट में यदि आपको किसी प्रकार कि त्रुटि लगे तो आप कमेंट के माध्यम से मुझे बता सकते है | मैं इसे सुधारने के लिए प्रतिबद्ध हूँ | पूरा पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद|

जय हिन्द

स्वामी विवेकानंद के 22 सर्वश्रेष्ठ विचार

गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर के 51 सर्वश्रेष्ठ प्रेरणादायक विचार

संत कबीर के 51 सबसे प्रशिद्ध दोहे

भारत के महान सपूत सुभाष चंद्र बोस का जीवन परिचय

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *