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कथा महान संत नागार्जुनऔर एक चोर की

यह कथा है संत नागार्जुन और उस समय के प्रशिद्ध चोर की, नागार्जुन स्वामी से एक चोर ने कहा था कि तुम ही एक आदमी हो जो शायद मुझे बचा सको। यूं तो मैं बहुत महात्‍माओं के पास गया, लेकिन मैं जाहिर चोर हूं, मैं बड़ा प्रसिद्ध चोर हूं, और मेरी प्रसिद्धि यह है कि…

तलाक को हिंदी में क्या कहते हैं ?

मुझे ये पोस्ट पढ़कर अपनी संस्कृति और सँस्कार पर बहुत गौरवान्वित महसूस हुआ तो सोचा, क्यूँ न ये पोस्ट अपने पाठकों के साथ साझा किया जाय || ये पोस्ट आजतक के Editor संजय सिन्हा की लिखी है , जिसे मैं उनके ही भाषा में आपको साझा कर रहा हूँ | विवाह उपरांत जीवन साथी को…

हिंदी के प्रचार प्रसार में हिंदी सिनेमा का योगदान

वैसे तो किसी भाषा के विकास में अनेकों कारण और कारक होते हैं , किंतु बात की जाए हिंदी भाषा की तो यह मूल भाषा ना होकर प्राचीन भारतीय आर्य भाषा संस्कृत के कोख से निकलती हुई आज प्रश्न करती है कि हमारी प्रचार-प्रसार में हिंदी सिनेमा की क्या भूमिका रही | तो इस प्रकार…

एक सामान्य मानव के जीवन में राष्ट्र का क्या महत्व है ?

पिछले दिनों अफगानिस्तान में जो कुछ हुआ है, जिस तरह से तालिबान ने पुरे देश को अपने कब्जे में लिया है | देश के आम तो आम खास नागरिक भी देश को छोड़कर दूसरे देश में शरण लेने को मजबूर है | जब अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई और उनके मंत्रिमंडल के कई मंत्री को…

क्या बदले की भावना है, महँगा सौदा है

हम अपने जीवन में हर दिन अनगिनत मानव , पशु -पक्षी , स्तिथि -परिस्तिथि और भावना से टकराते है, जिसके कारण हमारे अंदर क्रोध का उत्पत्ति होता है | जिसके तत्पश्च्यात हमें उस मानव, पशु -पक्षी और स्तिथि -परिस्तिथि से बदला लेने का भावना पैदा होता है | क्रोध करना नुकसानदायक है, ये बात लगभग…

चिंता मुक्ति के बेहतरीन और असरदार तकनीक

ऐसा लगता है जैसे चिंता करना मानव का मुलभुत स्वाभाव में से एक है, ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूँ की यदि आप अपने आस-पास के लोगों को observe करें तो आप पायेंगे अपने कार्यस्थल से घर तक हर कोई चिंतित दिखाई पड़ता है | हाँ ये जरूर है की सब का कारण सामान नहीं…

निजीकरण पर एक मज़ेदार निजी विचार

निजीकरण क्या है, इसको आये दिन हर कोई अपने अनुसार परिभाषित करते रहता है | कुछ लोग निजीकरण के पक्ष में है और कुछ लोग इसके विरोध में होते है | एक ऐसा ही निजीकरण पर डिबेट फेसबुक पर चल रहा था | मैं ये देखने के लिए गया था कि कितने लोग निजीकरण को…

जीवन में मित्र का महत्त्व और सच्चे मित्र की पहचान

एक आहात ह्रदय के लिए मित्र औषधि है, और आशापूर्ण आत्मा के लिए पोषण वैसे तो हमारे शरीर में बहुत सारे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरुरी है या यूँ कहे जिसके बिना हम जी नहीं सकते है | लेकिन इन सब अंगों के बीच दिल का बहुत ही अलग…

रक्षाबंधन भाई -बहन के रिश्ते की पवित्रता और आधुनिकरण का प्रभाव

रक्षाबंधन हिन्दू धर्म का बहुत ही पावन पर्व है | जो हिन्दू के आलावा जैन धर्म के लोग भी बहुत हर्ष उल्लास के साथ मानते है | हर पर्व की तरह इसका भी एक अपना ही महत्व है | रक्षा -बंधन हर साल श्रावण मास के पूर्णिमा को मनाया जाता है | इस साल का…

अकेलापन श्राप या वरदान

अकेलापन श्राप या वरदान , कोरोना काल के शांति ने इतना शोर मचाया है की सारा पृथ्वी गूँज उठा है | और लोग पूछ रहे है इतना सन्नाटा क्यों है भाई , और इसका जबाब कुछ गिने -चुने लोगों के पास ही है | कोरोना वायरस के बाद के लॉक-डाउन ने बाद लोग अकेलापन से…

दीपक हमें क्या कहता है?

मैं कुछ दिन से बहुत परेशान था , अपने अस्तित्व के बाड़े में लगातार सोच रहा था ,ऐसा सोच रहा था की हमारे अपनों के बीच में हमरा कुछ महत्त्व है की नहीं और यदि नहीं है तो फिर कैसा बनाया जाय |और मैं अपना प्रसन लेके सभी के पास गया  कभी पंखा से पूछा…

आखिर बेजुबान जानवरों पर कब तक अत्याचार ?

                          अगर किसी देश की महानता का अंदाज़ा लगाना हो तो यह देखिए कि वहां के लोग जानवरों के साथ कैसा बर्ताव करते हैं?                                                                                                                  महात्मा गांधी केरल के मल्लपुरम में एक हथिनी ने जिस तरह से अपना प्राण त्याग , उसको देख कर मानवता काँप उठी | ऐसा लगा एक हथिनी एक मानव से…