स्वामी विवेकानंद के 22 सर्वश्रेष्ठ विचार

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स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 jan 1967 को कलकत्ता में हुआ था | उनके बचपन के नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था उनके पिता का नाम विश्वनाथ नाथ दत्त तथा माता का नाम भुनेश्वरी देवी था | विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंश थे| जिनके संरक्ष्ण में ही स्वामी जी को ज्ञान के प्राप्ति हुई | उन्होंने शिकागो के धर्म सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया था और वहाँ एक विश्व प्रशिद्ध भाषण दिया था | वो करोड़ो युवओं के प्रेरणा स्रोत थे |

   आज युवा दिवस के अवसर पर हम स्वामी जी कुछ चुनिंदा विचार को लाया हूँ जो आज के युवओं को रास्ता दिखता है |

भारत के युवा के लिए स्वामी विवेकानंद के विचार :

1.)

क्या आप युवा है

युवा वह है जो अनीति से लड़ता है दुर्गुणों से दूर रहता है

जो बातो का बादशाह नहीं बल्कि करके दिखता है

जिसमे जोश के साथ होश भी हो

जो काल की चाल को बदल देता है

2.)

कभी न मत कहो !

कभी न मत कहो की मैं नहीं कर सकता

क्यूकि आप अनंत है सभी शक्तियाँ आपके भीतर है आप कुछ भी कर सकते है

3.)

कायर और मजबूत

वो कायर है जो कहता है ये किस्मत है

वो मजबूत है जो खड़ा होकर कहता है मैं अपना भाग्य खुद बनाऊँगा

4.)

लक्ष्य

एक विचार लें उस विचार को अपना जीवन बना लें

उस विचार को सोचें उसका सपना देखें उस पर जियें

मस्तिष्क मांशपेशिओं तंत्रिकाओ शरीर के हर हिस्से में उस विचार को भर लें

यही सफलता का नियम है

5.)

दुनियाँ क्या सोचती है उन्हें सोचने दो

अपने इरादे मजबूत रखो दुनियाँ एक दिन आपके कदमों में होगी

6.)

जो भी आप सोचते है वही आप बनते है

यदि आप खुद को कमजोर समझते है

तो आप कमजोर बन जाएंगे

यदि आप अपने आप को मजबूत मानते है

तो आप मजबूत बन जाएंगे

7.)

अगर किसी दिन आपके सामने कोई समस्या न आये तो

आप समझ जाएं कि आप गलत रास्ते पर चल रहे है

8.)

सभी शक्ति आपके भीतर है उस पर विस्वाश करो

कभी भी खुद को कमजोर मत समझना

खड़े हो जाओ और अपने भीतर की ताकत को पहचानो

9.)

जब तक जीना तब तक सीखना

क्युकि अनुभव ही जीवन का सबसे बड़ा शिक्षक है

10.)

दुनिया मज़ाक करे या त्रिस्कार उसकी परवाह किये बिना मनुष्य को

अपना काम करते रहना चाहिए

11.)

अपनी क्षमताओं के स्तर तक अपना लक्ष्य कम ना करें

इसके बजाय अपनी क्षमताओं को अपने लक्ष्यों की ऊंचाई तक बढ़ाएं

12.)

ब्रम्हांड की सारी शक्तियाँ पहले से ही हमारे अंदर है

हम खुद ही है जो अपनी आँखें पर हाथ रख लेते है

और कहते है कि कितना अँधेरा है

13.)

खुद को कमजोर समझना , सबसे बड़ा पाप है

विनम्र बनो साहसी बनो शक्तिशाली बनो

14.)

उठो !!

और तब तक मत रुको ,

जब तक लक्ष्य प्राप्त ना कर लो

15.)

जब तक आप अपने आप पर विश्वाश  नहीं करते

तक तक आप भगवान पर विश्वाश नहीं करते

16.)

जो कुछ भी आपको शारीरिक बौद्धिक

और आध्यात्मिक रूप से कमजोर बनता है

उसे अपने जीवन से तुरंत निकल दें

17.)

जब आप व्यस्त होतें है तो कुछ कुछ आसान लगता है

लेकिन आलसी होने पर कुछ भी आसान नहीं लगता है

18.)

दिल और दिमाग की लड़ाई में हमेशा दिल की सुनें

19.)

किसी और के लिए इंतज़ार ना करें

जो भी आप कर सकते है करें

किसी दूसरे पर अपनी उम्मीद न रखें

20.)

एक समय में केवल एक ही काम करो

और इसे करते समय अपना सारा जोर इसमें लगा दो

मन की शक्ति सूरज की किरणों की तरह होती है

जब एक ही जगह केंद्रित होती  है तो चमक उठती है

21.)

हर विचार जो आपको मजबूत बनता है

उसे अपना लेना चाहिए

और हर विचार जो आपको कमजोर बनता है

उसे त्याग देना चाहिए

22.)

हमारी मानसिकता ही दुनियाँ का निर्माण करती है

विचार चीज़ों को अच्छा बनातें है और बुरा भी बनातें है

स्वामी विवेकानंद भारत माता के महान सपूत , देशभक्त और समाज सुधाकर और ऊर्जावान सन्यासी थे | आज से लगभग 100 साल पहले कहे गये उनके विचार  आज के परिदृश्य में भी उतने ही उपयोगी है| विवेकानंद जी की बातों को जीवन में अपनाने का प्रयास करते हुए , उनको कोटि-कोटि प्रणाम करते है | आज युवा दिवस के शुभ अवसर पर हम उनको याद करते है और पुनः उनको नमन करते है 

जय हिन्द
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