कढ़ी पत्ता क्या है और इसके 15 कमाल के घरेलु फायदे

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कढ़ी पत्ता

कढ़ी पत्ता को मीठा नीम भी कहते है | इसका पेड़ नीम की तरह ही होता है, और पत्ता भी नीम की ही तरह दिखता है ,इसका पेड़ अक्सर जंगल झाड़ में मिल जाता है | लेकिन इसके पेड़ को बहुत कम लोग पहचानते है और इसके फायदे तो उससे भी कम लोगों को मालूम है | कुछ लोग ये जानते है की हाँ इसका पत्ता बहुत फायदेमंद होता है लेकिन इसके क्या -क्या फायदे है ये नहीं जानते है |

तो आज के अपने इस पोस्ट में हम कढ़ी पत्ता के बाड़े में जानेंगे , साथ में ये भी जानेंगे इसके क्या-क्या फायदे है और कैसे इसका उपयोग कर सकते है और कढ़ी पत्ता और नीम के पत्ता में क्या अंतर होता है |

वैसे तो इसका वैज्ञानिक या वानस्पतिक नाम Murraya Koenigii है और दिखने में ये नीम की तरह दिखता है लेकिन ये नीम जितना कड़वा नहीं होता है , जिसके कारण दक्षिण -भारत में इसका प्रयोग खाने में होने लगा और इसका नाम कड़ी पत्ता पड़ गया , और अब मीठा नीम कड़ी पता के नाम से पूरा भारत में जाना जाता है | इसका पेड़ प्रायः भारत के सभी क्षेत्र में पाया है | ये पत्ता नहीं है एक आयुर्वेदिक औषधि है |

कढ़ी पत्ती का प्रयोग अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग तरीके से किया जाता है तो चलिए देखते है इसका प्रयोग कँहा -कँहा और कैसे -कैसे होता है :-

1. दक्षिण -भारत में जाने के बाद आप यूँ कहे की आपका स्वागत ही कढ़ी पत्ता से होता है, होटल हो या घर आप जो भी खाते है उसमे आपको कढ़ी पत्ता अवश्य मिलेगा | दक्षिण भारत व पश्चिमी-तट के राज्यों और श्री लंका के व्यंजनों के छौंक में, खासकर रसेदार व्यंजनों में, बिलकुल तेज पत्तों की तरह, इसकी पत्तियों का उपयोग किया जाता है । उत्तर -भारत में जिस तरह खाने बनाने के शुरआत में तेल के बाद जीरा , मिर्च और प्याज़ डालते है , दक्षिण भारत में इसके साथ कढ़ी पत्ता का उपयोग किया जाता है |  इसका उपयोग थोरण, वड़ा, रसम और कढ़ी बनाने में भी किया जाता है।

आपको इसकी पत्तियाँ सब्जी मार्किट में आसानी से मिल जाती है , धनिया और पुदीना के साथ ये पत्तियां भी लोग खरीदते है | और फ्रीज़ में रखकर लम्बे समय तक इसका उपयोग करते है |

2. UP के बुंदेलखंड में भी यह पत्ता कढ़ी में उपयोग करते है |

3. कुछ क्षेत्र में इसकी पत्तियों को पीस कर चटनी भी तैयार की जाती है और साथ ही दूसरे चटनी में भी इसका उपयोग किया जाता है |

4. कढ़ी पत्ता यानि Murraya koenigii की पत्तियों का आयुर्वेदिक चिकित्सा में जड़ी-बूटी के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसमें आयरन , कैल्शियम  , फास्पोरस के आलावा भी कई तरह के विटामिन पाया जाता है

आप पहली बार में देख कर नीम और कढ़ी पत्ता में अंतर नहीं कर सकते है | दोनों के बीच क्या बड़ा अंतर है वो मैं बता रहा हूँ |

1. स्वाद : नीम बहुत ही ज्याद कड़वा होता है , जबकि कढ़ी पत्ता उतना कड़वा नहीं होता है | इसलिए कढ़ी पत्ता को मीठी नीम कहते है |

2. खुशबू :  नीम के पत्ता में कोई खास खुशबु नहीं होता है , जबकि कढ़ी पत्ता बहुत ही खुशबूदार होता है , आप आसानी से दोनों के खुशबु में अंतर कर सकते है

अब हम कढ़ी पत्ता के फायदे के बाड़े में विस्तार से जानेंगे :

1. बालों  के लिए बहुत उपयोगी है

कड़ी पत्ता बालो  के लिए किसी वरदान से कम नहीं है | विशेषज्ञों के मुताबिक कढ़ी पत्ते के तेल में पाए जाने वाले पोषक तत्व बालों के लिए बहुत ही अहम भूमिका निभाता है। कढ़ी पत्ते का तेल बालों पर लगाने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं। इसका नियमित इस्तेमाल बालों के विकास में मदद करता है। आप कढ़ी पत्ता का प्रतिदिन उपयोग करके बालों को स्वस्थ रख सकते है | 

कड़ी पत्ते बालों के झड़ने से लड़ने में मदद कर सकते हैं। सुबह सबसे पहले एक गिलास पानी पीने के कुछ मिनटों के बाद कुछ ताजा कड़ी पत्ते चबा सकते हैं।

इसके अलावा कड़ी पत्तों का हेयर टॉनिक भी बना सकते हैं। इसके लिए पत्तों को इतना उबालें कि पानी में घुल जाएं और पानी का हरा रंग हो जाए। इसे बालों में 15-20 मिनट लगाएं। इससे फायदा पहुंचेगा।

2. त्वचा के लिए लाभदायक

कढ़ी पत्ते में पाये जाने वाले एंटी-बक्ट्रियल गुण के कारण, इसका प्रयोग त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होता है।, जिनके प्रभाव से जले-कटे और बैक्टीरियल इन्फेक्शन को दूर करने में मदद मिलती है। इसके लिए इसकी पत्तियों का पेस्ट बनाकर इसे उपयोग में लाया जा सकता है ।

3. डायबिटीज में मददगार

शरीर में इंसुलिन की गतिविधि को प्रभावित कर ब्लड से शुगर के स्तर को कम करने में कड़ी पत्ता मदद करता है। फाइबर की मात्रा भरपूर होने से इस बीमारी से जूझ रहे रोगियों के लिए फायदेमंद है।

 साथ ही इसमें हाइपोग्लाइसेमिक गुण पाए जाते हैं । यह गुण शरीर में शुगर की मात्रा को कम करने में सहायक साबित होता है। इस कारण ऐसा कहा जा सकता है कि नियमित आहार में करी पत्ता के लाभ डायबिटीज जैसे जोखिमों को कम करने में मददगार साबित होता हैं ।

4. एनीमिया में लाभदायक

शरीर में खून की कमी के कारण एनीमिया होता है और इस रोग से निजात पाने के लिए कड़ी पत्ते का सेवन फायदेमंद होता है। इसमें अधिक मात्रा में आयरन और फोलिक एसिड होता है। जो एनीमिया पर प्रभावी रूप से काम कर सकता है।

5. वजन घटाने में कढ़ी पत्ता के फायदे

कड़ी पत्ते को चबाने से वजन कम करने में मदद मिलती है। बेहतर पाचन, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना, बेहतर कोलेस्ट्रॉल का स्तर बगेरा -बगेरा में मदद करता है |

कढ़ी पत्ते में डाइक्लोरोमेथेन, एथिल एसीटेट और महानिम्बाइन जैसे खास तत्व पाए जाते हैं। इन तत्वों में वजन घटाने, कोलेस्ट्रॉल कम करने और ट्राइग्लिसराइड (फैट का एक प्रकार) के स्तर को नियंत्रित करने की क्षमता पाई जाती है। इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि कढ़ी पत्ते का उपयोग वजन घटाने में मददगार साबित होता है

6. दिल की बीमारियों से बचाता है

कढ़ी पत्ता एक हर्बल औषधि है, जो विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है। कड़ी पत्ते में ब्लड कोलेस्ट्रॉल कम करने का गुण होता है। इससे दिल की बीमारियों से दूर रह सकते हैं।

इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण कोलेस्ट्रॉल का ऑक्सीकरण होने से रोक देते हैं। इससे बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती नहीं और दिल से जुड़ी परेशानियों का जोखिम कम होता है।

7. संक्रमण से बचाव

कढ़ी पत्ते के तेल में पाए जाने वाले कुछ खास पोषक तत्वों में एंटीबायोटिक और एंटीफंगल गुण भी पाए जाते हैं। इसमें पाए जाने वाले यही गुण बैक्टीरिया और फंगल प्रभाव को कम करने में लाभकारी होता हैं । जिसके कारण ये संक्रमण से बचाव में भी मददगार होता है |

8. सुबह की समस्या का समाधान

कड़ी पत्ता सुबह-सुबह होने वाली कमजोरी, मतली और उल्टी से लड़ने में भी सहायक है। यह पाचन क्रिया को बढ़ाता है जो इन बीमारियों का इलाज करने में मदद करता है।

9. डायरिया से बचाव

कढ़ी पत्ते में पाए जाने वाले कार्बाजोले एल्कलॉइड्स में डायरिया से बचाव करने की अद्भुत क्षमता पाई जाती है। इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि इसका नियमित सेवन डायरिया जैसी समस्या से निजात दिलाने में भी कारगर साबित होता है |

10. कढ़ी पत्ता लिवर के लिए भी बहुत फायदेमंद है

कढ़ी पत्ते में टैनिन और कारबाजोले एल्कलॉइड जैसे तत्व मौजूद होते हैं।  इन तत्वों में हेप्टोप्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं, जो लिवर की कार्यक्षमता को बढ़ाने में मददगार है, साथ ही साथ उससे संबंधित हेपेटाइटिस और सिरोसिस जैसे जोखिमों को भी कम करता हैं|

11. कढ़ी पत्ते बवासीर में भी फायदेमंद है

करी पत्ता की तासीर ठंडी होती है, इसलिए ये बवासीर रोग के इलाज में प्रयोग की जाती है. कड़ी पत्ते को पानी के साथ पीसें फिर इसे छानकर पानी निकाल ले और इसे पीने से बवासीर, दस्त, डायरिया, पेट के रोग और पाचन की दिक्कतें ठीक होती हैं.

12. आँखों के लिए फायदेमंद

कढ़ी पत्ता आँखों के रौशनी के लिए भी बहुत फायदेमंद है, कढ़ी पत्ते में मौजूद कैरोटीनॉयड, कॉर्निया की सेहत को सुधारने में मदद करता है। यह आँखों की रौशनी तेज करता है और मोतियाबिंद होने की सम्भावना भी कम करता है|

13. आंत के लिए फायदेमंद

कढ़ी पत्ते में विटामिन ए, विटामिन बी2 और विटामिन सी पाया जाता है और यह सभी आंत के लिए अच्छी मानी जाती हैं। इन सभी की मदद से आप पेट से जुड़ी परेशानी, दस्त, कब्ज आदि से दूर रहते हैं। सुबह ताज़ा करी पत्ते को खाने से आंत स्वस्थ रहती है।

 इसका पाउडर बनाकर लस्सी में मिलाकर भी पी सकते हैं। इसके साथ ही सौंफ के दाने मिलाकर ड्रिंक को फ्लेवर से भरपूर बना सकते हैं। रोजाना इसको पीने से पेट स्वस्थ रहता है।

14. गैस की समस्या में इसका जूस बहुत लाभदायक है

आयुर्वेद के अनुसार, कढ़ी पत्ते के फायदे पित्त बैंलेस से भी जुड़े हुए हैं जिससे गैस, पेट में रुकावट जैसी दिक्कतें कम होती हैं। इसके फायदे इसमें मौजूद कार्मिनेटिव और रेचक गुण के कारण  हैं जो जठरांत्र में आराम देने में मदद करते हैं।

कुछ कढ़ी पत्ता को लें और मिक्सर में पीस लें और जूस बना लें। अब कुछ बूंदे नींबू के रस की डालकर जूस बना ले | जो गैस की समस्या को दूर करने में बहुत ही कारगर है | 

15.इम्यूनिटी में भी सुधार करता है

कढ़ी पत्ता में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो इम्यूमिनी को सुधारने में मदद करता है। इसके साथ ही कढ़ी पत्ते में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट फ्री रडिकल से भी लड़ने में मदद करते हैं। करी पत्ते को एंटी- बैक्टीरियल, एंटी- माइक्रोबियल और एंटी- फंगल खूबियों के लिए भी जाना जाता है।

कढ़ी पत्ते में मौजूद एंटी- इंफ्लामेट्री कंपाउंड लिनालूल घाव और इंफेक्शन को कम करने में मदद करते हैं। करी पत्ते की खुशबू और सामग्री सभी प्रकार के बैक्टीरिया, फंगल और वायरल को मारने में मदद करते हैं जिससे आपको खांसी, जुखाम होने के आसार कम हो जाते हैं। खुले घाव या स्किन बर्न में करी पत्ते का पेस्ट बनाकर उपयोग करें |

कढ़ी पत्ता के इतने फायदे को देखते हुए साथ ही साथ इस पत्ते का उपयोग किसी उम्र के भी लोगों पर कर सकते है | इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं है | तो मेरा सलाह यही होगा की आपको एक अच्छे टेस्ट के साथ इतना स्वास्थवर्धक औषधि को अपने रसोई में शामिल करना चाहिए |

आशा करता हूँ की ये पोस्ट आपके लिए बहुत ही ज्ञानवर्धक और लाभदायक रहा होगा | इस पोस्ट को आपको कढ़ी पत्ता के बाड़े में सम्पूर्ण जानकारी मिल गया होगा | यदि पोस्ट पसंद आया है तो अपने प्रिय-जानो के साथ इसको साझा करें और अपने विचार से हमें अवगत जरूर करवाये |

जय हिन्द

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6 Comments

  1. बहुत सुंदर जानकारी दी गई है आपके द्वारा कङी पत्ता के बारे में।
    बहुत सुंदर लेख

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