योग या जिम

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योग या जिम

एक स्वस्थ जीवन का चाहत सभी को होता है , और हमसब इसके लिए अपने अपने तरीके से स्वस्थ रहने की कोशिश भी करते है | जैसे सुबह कब उठाना ? , क्या खाना है? कब खाना है ?, पानी कब पीना है ? से लेकर  रात के सोने तक | इसके आलावा जो स्वस्थ रहने के लिए सबसे जरुरी है वो है एक्ससरसाइज , योग या जिम |

बहुत बड़ी संख्या में लोग नार्मल एक्ससरसाइज (व्याम ) करते है | जिसमे मुख्य रूप से घूमना शामिल रहता है , सुबह जल्दी उठकर टहलना , थोड़ा बहुत शरीर को हिलना -डुलाना , इसमें करनेवाले को जो पसंद आये अपने मुताबिक करता है | जैसे गांव में लोग अपने खेत को देखने जाते है , कोई सुबह उठकर 2 KM दूर दूध लाने जाते है आदि | ऐसे सारे काम एक्ससरसाइज का ही पार्ट है |

लेकिन बहुत बड़ी संख्या में लोग जो हेल्थ को लेके सीरियस है वो या तो योगा करते है या जिम जाते है | और अक्सर ये सवाल चलते रहता है की योगा अच्छा है या जिम | तथा योग और जिम के बीच मुख्य रूप से क्या अंतर है | हमारे हेल्थ के ज्यादा लाभदायक क्या है ?

तो दोस्तों आज का मेरा पोस्ट इसी टॉपिक के ऊपर है |

योग Vs जिम

  योग   जिम  
प्रभावी अंग योग शरीर के सभी हिस्सों पर सिर से लेकर पैर तक प्रभावी होता है। हमारे शरीर के हर हिस्से के लिए एक आसन है जिम केवल शरीर के विशिष्ट भागों के लिए प्रभावी है। व्यायाम हमारे शरीर के शारीरिक भागों को प्रभावित करते हैं।  
ऊर्जा की हानि ऊर्जा का नुकसान कम होता है क्योंकि योग आसन के साथ-साथ कायाकल्प भी प्रदान करता है  ऊर्जा के व्यापक नुकसान के साथ-साथ कैलोरी के साथ व्यापक पसीना
ताजगी और लचीलापन योग आपको ताजा और ऊर्जावान महसूस कराता है आपकी सारी ऊर्जा आपको थका देने वाली अनुभूति देती है।
पात्रता कोई भी व्यक्ति अपनी उम्र या लिंग के अनुसार कर सकता है एक निश्चित आयु के बाद ही जिम में अभ्यास कर सकते हैं। बच्चों को सलाह दी जाती है कि वे जिम न करें क्योंकि यह उनके विकास को प्रभावित करता है।  
आंतरिक अंगों पर प्रभाव योग शरीर के सभी आंतरिक प्रणालियों को सक्रिय करता है आंतरिक अंगों पर जिम का कोई प्रभाव नहीं है। यह आपको बाहरी शारीरिक शरीर को आकर्षक लगता है।  
तनाव और साइको डिजीज योगा तनाव को कम करने के लिए किया जाता है। जब यह आपके आंतरिक अंगों को प्रभावित करता है, तो यह आपकी प्रतिरक्षा में सुधार और आपको सभी बीमारियों से दूर रखने के दौरान स्वस्थ रखता है। जिम का आप पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव नहीं है, इसलिए यह सुनिश्चित नहीं करता है कि आप बीमारियों से दूर रहें।

1. योग मन, शरीर और आत्मा को लाभ पहुंचाता है।

योग : योग आपके शरीर को अधिक सुदृढ़ बनाने में मदद करता है, मन का भी शुद्धिकरण करता है तथा आत्मा को जगाने का काम करता है | योग  हमारे शरीर , मन तथा आत्मा को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है।

 जिम : जिम वर्कआउट मुख्य रूप से आपके शरीर की शारीरिक स्थिति को बेहतर बनाने पर केंद्रित है

2. योग आपके पूर्ण शरीर को- बाह्य और आंतरिक रूप से लाभ पहुंचाता है।

योग : योगाभ्यास के आसन  पाचन तंत्र, संचार प्रणाली, लसीका प्रणाली के लिए अच्छे हैं। यह शरीर को डिटॉक्स करने का एक शानदार तरीका है और आपके कार्डियोवस्कुलर सिस्टम को बेहतर बना सकता है।

जिम :  एक जिम कसरत सिर्फ मांसपेशियों को मजबूत करने और कार्डियो को बढ़ावा देने पर केंद्रित है

3. योग स्वीकार करना सिखाता है।

योग : योग आपको यह विश्वास दिलाने में मदद करता है कि आप अपनी शक्तियों और अपनी कमजोरियों के साथ किस तरह से परिपूर्ण हैं। योग आत्म-सुधार के बारे में नहीं है, यह आत्म-स्वीकृति के बारे में है।

जिम :  जिम कक्षाएं, विशेष रूप से बूट कैंप शैली की कक्षाएं, यदि आप सब कुछ नहीं कर सकते हैं, तो अपने आप को विफल समझने की अधिक संभावना है

4. योग अपने आप पर ध्यान केंद्रित करने के बारे में है।

योग : योग स्टूडियो में दर्पण नहीं होते हैं, क्युकी हम अपने आप को अपने आंख बंद करके अंतरमात्मा के दर्पण से देखते है | हम आंखे बंद करके अपने सारे शरीर के अंग को देखते

जिम :  जबकि इसके विपरीत जिम कक्षाओं में आपके लिए दर्पण हैं ताकि और बाकी सभी क्या कर रहे हैं, इसके बारे में चिंता करने के लिए, आप खुद पर कम और दूसरों पर ज्यादा ध्यान देते है |

5. योग आपको दुबला बना देगा।

योग : योग आसान के द्वारा आपकी मांसपेशियों जैसे-जैसे खींचती है , आपका शरीर दुबला दिखने लगेगा।

जिम : जबकि जिम वर्कआउट से आपका वजन बढ़ता है  आपकी मांसपेशियां बड़ी होती है |

6. योग अधिक कुशल है।

योग : योग आपके अपने शरीर पर निर्भर करता है – आपके पूरे शरीर को मजबूत बनाने के लिए। विभिन्न आसनों के माध्यम से, आपके पूरे शरीर के वजन को ‘वज़न’ के रूप में उपयोग करके आपका पूरा शरीर टोंड और मजबूत हो जाता है।

जिम :  जिम सेंटर  वजन और अन्य उपकरणों का उपयोग करती हैं।  केवल वजन या अन्य उपकरणों का उपयोग करके, मांसपेशियों को अलग-थलग किया जाता है और लाभ के लिए व्यक्तिगत रूप से काम करना पड़ता है, जिसमें बहुत अधिक समय लगता है।

7. आप कहीं भी योग कर सकते हैं।

योग एक योग स्टूडियो में एक अलग अनुभव है, लेकिन आप घर पर, बाहर या छोटे स्थानों पर आसानी से योग का अभ्यास कर सकते हैं। जो कोई भी जब चाहे योग स्टार्ट कर सकता है | कुछ योगा पोज़ बिना योग मैट के भी किए जा सकते हैं। वाहन चलाते हुए भी प्राणायाम किया जा सकता है। अपनी दिनचर्या में एक अच्छा योगा शेड्यूल फिट करने के लिए फैंसी उपकरणों की कोई आवश्यकता नहीं है।

जिम : जिम वर्कआउट के लिए अधिक उपकरण और अधिक जगह की आवश्यकता होती है। इसके लिए आपको देखना पड़ता है हमारे आस -पास कौन है जिम केंद्र है | किस समय जाना है कितने देर के लिए जाना है |

10. योगा आपको साँस लेने में मदद करता है।

योग : योग सांस पर ध्यान केंद्रित करता है ताकि जब आपको इसकी सबसे अधिक आवश्यकता हो, योग के द्वारा आप आदर्श सांस लेते है | योग सांस लेना सिखाता है आपको इतना सौम्य बनता है की आप अपने आते -जाते सांस के आहट को भी इतनी भीड़ में सुन पाते है |

जिम : जबकि जिम में सांस लेना ही भूल जाते है  तनाव के समय, साँस लेना भूल जाना आसान है – वास्तव में साँस लेना, और न ही उथली साँस लेना। गहरी सांसों के बिना, स्पष्ट रूप से सोचना कठिन है और थकान हमारे अंदर सेट हो सकती है।

11. योग शांत बनता है

योग : योग हमें एक शांत, आराम की अभिव्यक्ति के साथ अभ्यास के माध्यम से आगे बढ़ते हैं। जो योग करते है वो आपको शांत दिखेंगे , योग सिर्फ बहार से ही नहीं अंदर से भी शांत बनने में मदद करता है  | योग हमें तनाव और चिंताओं से मुक्त करता है|

जिम : जिम हमें उग्र बनती है ,हमारे अंदर अभिमान बढ़ती है | हम अपने समाज में अक्सर ऐसे लोगों को लड़ने के लिए उताहुल देखते है |  कुल मिलाकर जिम हमारे पूरे शरीर और दिमाग में तनाव बढ़ाने का काम करता है।

12. योग तनाव को कम करता है।

योग : योग अभ्यास की मदद से  तनावपूर्ण स्थितियों से अधिक आसानी से निपटा जा सकता है और समग्र तनाव के स्तर में कमी आती है।

जिम : ज़ोरदार संगीत और चमकदार रोशनी के साथ जिम की प्रतिस्पर्धी प्रकृति  में आपके तनाव को बढ़ाने की और भी अधिक संभावना है।

13. हर कोई योग का अभ्यास कर सकता है।

योग : आपकी उम्र या आपकी सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ता, आप योग का अभ्यास कर सकते हैं। यहां तक कि योग उन लोगों की मदद करने के लिए भी पाया गया है जिनके पास पार्किंसंस से लेकर कैंसर तक की जैसे स्वास्थ्य बीमारियाँ हैं। योग में उम्र या लिंग की कोई बाध्यता नहीं है | एक बच्चा भी योग कर सकता और एक बूढ़ा आदमी भी | योग गरीब भी कर सकता और आमिर भी |

जिम : जिम वर्कआउट सामान्य रूप से हर कोई नहीं कर सकता है | बच्चे , बूढ़े या रोगी आदमी जिम नहीं जा सकता , साथ में जिम के लिए पैसे की भी समस्या है | आप घर में करना चाहते हो या जिम केंद्र जाकर आपको पैसा की जरुरत पड़ेगी ही | जिम कुछ विशेष -वर्ग के लिए ही डिज़ाइन किया गया है |

14. योग एकाग्रता में सुधार करता है।

योग : एक योग अभ्यास के दौरान, आप सांस, मुद्रा और मन पर ध्यान केंद्रित करते हैं। बाहर के विक्षेपों को बाहर निकाल दिया जाता है।

जिम : जिम में आप एकाग्रता की बात ही बेईमानी है | यहाँ तेज आवाज में बजता संगीत , टी वी अदि कभी कभी बेचैनी बढ़ाते रहती है |

15. योगी शिला।

योग : योगी शिला ऐसी जगह है जहाँ हम आनंद लहर का आनंद लेते है , जहाँ हम मुस्कुराते हुए , खुश लोगों के आसपास होते है , आप एक ऐसे वातावरण में पहुँच जाएँगे जहाँ लोग आपकी बात मान लेते हैं, और हर किसी की, वक्र और किनारों भी है । इसमें कोई बात नहीं है कि किसने क्या प्रतियोगिता का आयोजन किया, प्रतियोगिता की कोई भावना नहीं है। यहाँ हमेशा चारों ओर अच्छा वातावरण रहता है|

जिम : यहाँ एक अलग ही आनंद होता है जहाँ आप म्यूजिक के धुन पर नाचते है | जिम में जो भी होता है वो हमारे बाह्य शरीर के लिए होता है | वहाँ  एक अलग तरह का प्रतियोगिता चलता रहता है | कोई भी किसी के साथ नहीं होता ,सभी अपने अंदर ही एक दुन्द छेड़े रहता है |

16. योग संचारी और गैर-संचारी रोगों से लड़ता है

योग : क्या आप जानते हैं कि योग के द्वारा सर्दी, खांसी, माइग्रेन, मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, तनाव, अनिद्रा, नपुंसकता जैसी विशिष्ट बीमारियों को ठीक करने या प्रबंधित करने के लिए योग आसन के नुस्खे है । और यहां तक कि कैंसर? नियमित रूप से प्राणायाम (ब्रीदिंग तकनीक) से योग आसन करने से आप प्रतिरक्षा स्तर को बढ़ा सकते हैं और अपने इष्टतम स्वास्थ्य को बनाए रख सकते हैं।

जिम : जबकि इसके विपरीत बिमारी होने के स्तिथि में आप जिम नहीं जा सकते है |

17. योग आपके हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है

 योग : योग आसन अंतःस्रावी कार्य को उत्तेजित और संतुलित करता है; मतलब आपके सभी हार्मोनों को उनके इष्टतम स्तरों पर विनियमित और रखा जाएगा। आपके इंसुलिन, थायरोक्सिन, टेस्टोस्टेरोन, एस्ट्रोजन, हार्मोन से मेलाटोनिन, प्रोजेस्टेरोन, एंडोर्फिन, डोपामाइन – सभी को नियमित रूप से योग अभ्यास के साथ विनियमित किया जाएगा जो आपको मिजाज, अवसाद, तनाव, अप्रसन्नता, मासिक धर्म ऐंठन, उच्च रक्त शर्करा के स्तर, उच्च रक्त शर्करा के स्तर से छुटकारा दिलाता है। दबाव, अनिद्रा, कोलेस्ट्रॉल, नपुंसकता आदि।

जिम : जबकि उल्टा जिम छोड़ने के बाद हम मोटा होने लगते है , हमारा शरीर बेढंग होजाता है

18. योग आपको फिर से जीवंत करता है

एक नियमित योग अभ्यास (साँस लेने की तकनीक) में प्राणायाम के अभ्यास के माध्यम से फेफड़ों की क्षमता बढ़ जाती है, जबकि पूरे श्वसन तंत्र को साफ और सक्रिय किया जाता है। डाइजेस्टिव सिस्टम विभिन्न आसन में उत्तेजित होता है जबकि सभी संयोजी ऊतक सहित मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम को यिन योग के अभ्यास के माध्यम से मजबूत और लचीला बनाया जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों की उम्र बढ़ने के प्रभावों को कम करते हुए पूरे शरीर को मांसपेशियों को चिकनाई देने के लिए कायाकल्प किया जाता है।

जिम : जिम में हमारी मांशपेशियां और हड्डियाँ और भी मजबूत तो होता है लेकिन लचीला नहीं हो पता है | जिसके कारन उम्र बढ़ने पर हड्डी की समस्या बहार आती है

ये है योग और जिम में 16 अंतर , आपको ये पोस्ट कैसा लगा अपना व्यू जरूर दीजिएगा | यदि कुछ त्रुटि रह गया हो तो उसकी लिए में माफ़ी चाहता हूँ |

जय हिन्द

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