मंगरैला यानि कलौंजी क्या है तथा इसके गुणकारी फायदे

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मंगरैला यानि कलौंजी
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एक ऐसा मसाला जो कचौड़ी , पकौड़ा , अचार जैसे अनेकों व्यंजन में इसका प्रयोग किया जाता है, और यदि इसका प्रयोग नहीं किया जाय तो कचौड़ी, पकौड़ी में  स्वाद ही नहीं मिलता है | जो कचौड़ी , पकौड़ी और अचार के दीवाने है वो तो इसका नाम आसानी से पता लगा सकते है | लेकिन जो नहीं समझ पाए है वो भी नाम बताते ही आसानी से समझ जायेंगे | जी आपने बिल्कुल सही पहचाना इस मसाले का नाम है ” मंगरैला ” , इसे कलोंजी भी कहा जाता है |

आज के इस पोस्ट हम आपको मंगरैला यानि कलौंजी क्या है , इसे दूसरे लैंग्वेज में किस -किस नाम से बुलाते है , इसे खाने के फायदे साथ ही इसका आयुर्वेदिक उपयोग के बाड़े में विस्तार से बताऊंगा | यदि आप मंगरैला के गुण को जानना चाहते है तो पूरा पोस्ट जरूर पढ़े |

मंगरैला यानि कलौंजी क्या होता है ? – What is mangarela or kalonji in Hindi

कलौंजी एक काले रंग का बीज होता है | जो दिखने में तिल की तरह होता है लेकिन यह तिल कि तरह अंडाकार नहीं होता , यह त्रिकोण होता है | इसे हिंदी में मंगरैला और आशीष का बीज भी कहा जाता है | इसमें कई तरह के आयुर्वेदिक गुण पाया जाता है ,  इसके साथ इसमें काफी मात्रा में फाइबर समेत विटामिन, अमिनो एसिड, फैटी एसिड, आयरन और कई तत्व मौजूद होते हैं |

मंगरैला का वानस्पतिक नाम और पैदावार – Agriculture and Botanic name of Kalonji in Hindi

मंगरैला यानि कलौंजी Ranunculaceae (रैननकुलैसी) कुल का एक झाड़िये पौधा है | जिसका वानस्पतिक नाम Nigella sativa Linn (नाईजेला सेटाईवा) है | जो लैटिन शब्द निजर (काला ) से बना है |

इसकी खेती मुख्यतः दक्षिण-पश्चिमी एशियाई और भू -मध्यसागर के तटिय देशों , उतरी अफ्रीका सहित भारत में बहुतायत में होता है | इसका उपयोग भारत के अलावा बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी इसका सेवन किया जाता है।

भारत में इसका खेती उत्तर एवं उत्तर-पश्चिमी भागों में विशेषतया पंजाब, हिमाचल प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल तथा आसाम में इसकी खेती की जाती है। इसके  बीज सुगन्धित, त्रिकोणाकार, झुर्रीदार तथा काले वर्ण के होते हैं। बीजों को मसलने से उनमें सुगन्ध आती है। इसका बीजों का प्रयोग मसालों के रूप में पुरे भारत में किया जाता है।

कलौंजी का नामांकरण – Nomenclature of Kalonji in Hindi

कलौंजी यानि मंगरैला को अलग अलग भाषा में अलग -अलग नाम से जानते है

अंग्रेज़ी : Black cumin (ब्लैक क्युमिन्)

संस्कृत-पृथु, उपकुञ्चिका, पृथ्वीका, स्थूलजीरक, कालिका, कालाजाजी;

हिन्दी-कालाजीरा, कलवंजी, कलौंजी, मंगरैला ;

उर्दू-कलोंजी (Kalonji);

कोंकणी-करीजीरे (Karijiry);

कन्नड़-करे जीरगे (Kare jirage), कलौंजी (Kalaunji), करीजीरगी (Karijirigi);

गुजराती– कलौंजी जीरु (Kalaunji jiru), कलौंजीजीरम (Kalonjijiram), करीमसीरागम (Karimsiragam);

तमिल-करूँजीरागम (Karunjiragam), करूणीएरकम (Karunierkam), करूँजीरागम (Karunjiragam);

तेलगु-नुल्लाजीलकारा (Nullajilakara), नेल्लाजीलाकैरा (Nellajeelakaira);

बंगाली-मोटा कालीजीरे (Mota kalijeere), कालीजीरा (Kalijira), कालजीरा (Kalzira), मुंगरैला (Mungrela), कृष्णजीरा (Krishnajira);

नेपाली-मुंगेलो (Mungrelo);

पंजाबी-कालवन्जी (Kalvanji);

मराठी-कलौंजी जीरें (Kalonzee jeeren), कालेजीरे (Kale jire);

मलयालम-करूँचीरगम (Karunchiragam), करींजीरकम (Karinjirakam)।

अरबी-हब्बातुस्सुदा (Habbatussuda), कामूनीअसवद (Kamuneasvad), शुनिझ (Shuniz);

फारसी-स्याहदाना (Siyahdana), शूनीज (Shuneez)।

मंगरैला यानि कलौंजी का उपयोग : – Use of Mnagrela or Kalonji in Hindi

मंगरैला का हमारे जीवन में कई तरीके से उपयोग होता है | जिसमें से कुछ प्रशिद तरीके का यँहा वर्णन किया जा रहा है :

1. इसका उपयोग मसाला के रूप में किया जाता है

2. इसका उपयोग पकवान को स्वादिष्ट और खुसबूदार बनाने में किया जाता है |

3. इसके स्वाद हल्का कड़वा और तेज खुसबू के कारण इसका उपयोग नान , ब्रेड , केक और विभिन्न प्रकार के अचार में किया जाता है

4. इसके आलावा इसका उपयोग आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है |

मंगरैला यानि कलौंजी के फायदे : – Benefit of Mangrela or Kalonji in Hindi

वैसे तो मंगरैला सभी के किचन में आसानी से मिलनेवाला मसाला है | लेकिन अब तक हम इसका उपयोग बहुत सिमित मात्रा में करते आये है , लेकिन इस पोस्ट के बाद आपके घर में मंगरैला का उपयोग जरूर बढ़ जायेगा | तो आये अब एक -एक करके इसके फायदे को देखते है |

1. कलौंजी स्मरण शक्ति बढ़ता – Kalonji improved memory in Hindi

कलौंजी के बीज बुजुर्गों के साथ-साथ युवाओं की सेहत के साथ स्मरण शक्ति को बढ़ाता है । खासकर बुजुर्गों में उम्र बढ़ने के साथ भूलना एक आम बात हो जाता है | कलौंजी के साथ, थोड़ा शहद मिला कर खाने से काफ़ी फ़ायदा होता है, अगर इसे गर्म पानी में पिया जाए, तो यह और लाभदायक होता है।इससे स्मरण शक्ति बढ़ती है और काम में फोकस करने में आसानी होती है। इसके लाभ के लिए नियमित रूप से इसका उपयोग करें |

2. कलौंजी का तेल बालों के लिए – Nigella sativa oil for Hair in Hindi

कलौंजी के तेल को बालों के लिए भी लाभदायक माना गया है।  बालों को झड़ने से रोकने के लिए इसके तेल का इस्तेमाल करने का सलाह दिया जाता है । इसमें  एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो बालों को झड़ने से बचाते हैं और उन्हें मज़बूती देते हैं। इसलिए इसके तेल से रोज़ाना मालिश करनी चाहिए और कलौंजी का पेस्ट बालों में लगाना चाहिए। इसके साथ ही ये बालों को घने , मजबूत और बालों में नमी बनाकर रखता है |

3. आँखों का रोशनी बढ़ाता है, कलौंजी – Kalonji improved Eye site in Hindi

आँखों की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है | आँखों का लाल होना , आँखों में बार बार पानी आना , आँखों की रोशनी की समस्या अदि | ऐसे में कलौंजी का सेवन आपके आँखों को बहुत ही ज्यादा सुकून देगा | इसके साथ ही यह मोतियाबिंद जैसी परेशानी को दूर करने में सहायक होता है।

गाजर के एक ग्लास जूस में 2 छोटी चमच कलौंजी मिला कर सुबह -शाम पी सकते है |

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4. कलौंजी मुँहासे कि समस्या के लिए – Kalonji for rid of pimples in Hindi

अगर आप मुंहासे या पिग्मेंटेशन जैसी परेशानी का सामना कर रहे हैं, तो आपको कलौंजी के सेवन से फ़ायदा मिलेगा। कलौंजी में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं और यह एंटी-इंफ्लेमेटरी भी होता है। 2 चम्‍मच नींबू के रस में आधा चम्‍मच कलौंजी का तेल मिलाएं। सुबह और रात में चेहरे पर लगाएं। इससे त्‍वचा में निखार आती है। काले धब्‍बे कम होते हैं और मुंहासे कम होते हैं। नींबू की जगह एप्‍पल साइडर वेनेगर भी इस्तेमाल कर सकती हैं।

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5. डयबिटीज के रोगी के लिए कलौंजी – Kalonji for diabetes in Hindi

कलौंजी में ऐसे कई तत्व होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होते हैं। माना जाता है कि अगर लगातार एक-तीन महीने तक नियमितरूप से , हर दिन दो से तीन ग्राम मंगरैला का सेवन किया जाए, तो ये ये मधुमेह के रोगी के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद साबित होता है | ये शरीर में bad कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और  गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है ।मंगरैला का उपयोग आप चाय में डालकर भी कर सकते है |

6. कलौंजी दिल के लिए – Kalonji for heart in Hindi

कलौंजी का सेवन हृदय रोगों से मुक्ति दिलाता है। आयुर्वेद के अनुसार अगर कलौंजी का सेवन गाय के दूध या बकरी के दूध के साथ करें, तो एक हफ़्ते में ही काफी आराम मिलता है। साथ ही जब भी कोई गर्म पेय लें, तो उसमें एक चम्मच मंगरैला का तेल मिला लें। तीन दिन में एक बार पूरे शरीर पर तेल की मालिश करके आधा घंटा धूप का सेवन करें। लगातार एक महीने तक ऐसा करने से ह्रदय रोग में आराम मिलता है।

7. मंगरैला का उपयोग खाँसी और दमा में भी – Kalonji for Cold and Cough in Hindi

खांसी और दमा की शिकायत होने पर छाती और पीठ पर मंगरैला के तेल की मालिश करें। तीन चम्मच मंगरैला का तेल रोज पिएं और पानी में तेल डालकर उसका भाप लें | बहुत आराम का अहसास होगा |

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8. कलौंजी का उपयोग वजन कम करने में – Kalonji for Weight loss in Hindi

यदि आप मोटापे की समस्या से परेशान है और वजन कम करने की कोशिश में लगे हुए हैं, तो आप कलौंजी को आजमा सकते है । ½ चम्‍मच कलौंजी के तेल में 2 चम्‍मच शहद मिला कर इसे हल्‍के गर्म पानी के साथ पिएं। इस मिश्रण को दिन में तीन बार लें। वजन कम होने लगेगा।

9. कलौंजी पेट के कीड़ो के लिए – Kalonji for stomach germ in Hindi

बच्चों को पेट में कीड़ा होना बहुत ही सामान्य समस्या है | तो ऐसे में आप कलौंजीयानि मंगरैला का सेवन तीन-चार दिनों तक लगातार करें। आधी छोटी चम्‍मच कलौंजी के तेल को एक चम्‍मच सिरके के साथ मिलाकर दिन में तीन बार पिएं। पांच से दस दिन इसे पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।

10. कलौंजी का उपयोग प्रसव के बाद – Use of Kalonji after Women delivery in Hindi

महिलाओं के लिए कलौंजी एक बेहतरीन औषधि है। प्रसव के बाद उन्हें खीरे के रस के साथ, इसे लेने की सलाह दी जाती है। इससे कमज़ोरी खत्म होती है। यहीं नहीं अगर महिलाओं में सफ़ेद पानी, पीरियड में दर्द या पीएमएस जैसी प्रॉब्लम है, तब भी कलौंजी के पानी का सेवन करने से आराम मिलता है। ये संक्रमण से लड़ने और माँ के आंतरिक प्रणाली को मजबूत करता है |

11. कलौंजी का उपयोग दाँत के लिए – Use of Kalonji for Dental in Hindi

यदि आपके दाँतों से खून निकलता है , या कोई दाँत कमजोर है तो ऐसे में आप मंगरैला का सेवन कर सकते है |

कलौंजी यानि मंगरैला का नुकसान : – Kalonji yani mangrela ke nuksan

आज के समय में लोगों को सिक्के के दोनों साइड देखने का आदत सा होता जा रहा है | इसलिए जिसका फायदा है उसका नुकसान भी जानना चाहते है | वैसे तो मंगरैला के बहुत कम नुकसान है लेकिन जो कुछ भी है वो निचे बता रहा हूँ क्यूँकि ये भी जानना जरुरी है |

1. डॉक्टर  गर्भवती महिलाओं को मंगरैला के सेवन से बचने का सलाह देते है , क्योंकि अब तक इसके प्रमाण नहीं मिले हैं कि यह किस हद तक सुरक्षित है। इसलिए डॉक्टर से सलाह लेने पर ही इसका सेवन करें।

2. मंगरैला में थाइमोक्विनोन अधिक मात्रा में पाए जाते हैं और इसकी मात्रा बढ़ जाने से कई बार ब्लड क्लॉट हो जाता है। ऐसे स्तिथि में मंगरैला का सेवन नहीं किया जाना चाहिए।

3. अगर कोई व्यक्ति पित्त से परेशान है या फिर वह बहुत गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है, ऐसी स्तिथि में भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा पेट में बहुत जलन हो तब भी इसका सेवन न करें।

4 . जिन महिलाओं को पीरियड देर से आने की समस्या है, उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए या फिर उन महिलाओं को भी नहीं, जिन्हें अधिक पीरियड होते हैं।

Note : कलौंजी की खेती कैसे करते है | इसके लिए आप निचे के लिंक से वीडियो देख सकते है |इस वीडियो में प्रदीप जी कलौंजी की खेती को विस्तार से समझाये हुए है | उनके चैनल का नाम ही है farmar of India , यदि आपको खेती से सम्बन्धित जानकारी चाहिए तो उनके youtub चैनल को सब्सक्राइब कर सकते है | 

https://www.youtube.com/embed/sAq2ruwtT-Y

निष्कर्ष :

मंगरैला यानि कलौंजी आपके किचन में रखा बहुत ही महत्पूर्ण औषधि है | यदि आप इसके प्रयोग और उपयोग को समझ गए तो आप अपने और अपने परिवार को निरोग रखने में कामयाब हो जाएंगे | इसके उपयोग और प्रयोग को मैं ऊपर बता चूका है | आप इस पोस्ट को बार -बार पढ़कर इसका अधिकतम लाभ ले सकते है |

आशा करता हूँ ये पोस्ट आपको बहुत पसंद आया होगा | यदि पोस्ट अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ , अपने social media (WhatsApp , Facebook ) पर साझा करें | साथ यदि आपको किसी पॉइंट पर कुछ त्रुटि लगा हो तो कमेंट के माधयम से अपने शिकयत या सुझाव दे सकते है | पूरा पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद

जय हिन्द

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