चिंता मुक्ति के बेहतरीन और असरदार तकनीक

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चिंता मुक्ति के बेहतरीन और असरदार तकनीक

ऐसा लगता है जैसे चिंता करना मानव का मुलभुत स्वाभाव में से एक है, ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूँ की यदि आप अपने आस-पास के लोगों को observe करें तो आप पायेंगे अपने कार्यस्थल से घर तक हर कोई चिंतित दिखाई पड़ता है | हाँ ये जरूर है की सब का कारण सामान नहीं है , कोई किसी कारण से है तो कोई किसी और कारन से, लेकिन चिंतित सभी लोग है | तो कारण महत्वपूर्ण नहीं है महत्वपूर्ण है ” चिंता ” करना |

तो आज का हमरा पोस्ट इसी चिंता के ऊपर है की मैं आपकी चिंता को कैसे चित कर सकता हूँ | हालाँकि मैं खुद ऐसा कर चूका हूँ लेकिन फिर भी ये बातें शायद मायने नहीं रखता है , लेकिन मुझे ऐसा लगता है की आप भी ऐसा कर पाने में कामयाब जरूर होंगे | चिंता क्या है ये हर कोई अपने तरीके से परिभाषित कर सकता है | लेकिन मैं आपको एक बात बोलना चाहता हूँ।  यदि आपके पास चिंता का अपना परिभाषा या व्यख्या है तो पहले उसे लिख लें , उसके बाद ही पोस्ट को पढ़ें |

तो इस पोस्ट मैं आपको चिंता क्या है और सबसे बड़ी बात इसको दूर करने का फार्मूला बताने वाला हूँ , जो आपके बहुत काम का होगा | पढ़ने में तो आपको ये बहुत अच्छा लगेगा लेकिन जब तक इसको आचरण में नहीं लायेगा तब तक ये किसी काम का नहीं है, और आपकी चिंता भी जैसी की तैसी रहेगा | इसलिए इसको व्यवहार में लाने का प्रयास करें | ये बहुत ही आसान है |

चिंता क्या है ?

आशा है जैसा मैंने ऊपर बोला था, आपलोग अपना चिंता का परिभाषा लिख लिए होंगे | अब मैं आपको एक कहानी सुनाता हूँ |

अमेरिका के घने जंगल में एक विशालकाय पेड़ के अवशेष है , प्राकृतिक वैज्ञानिक बताते है की यह लगभग चार सौ साल पुराना वृक्ष है | जब कोलंबस ने अमेरिका में कदम रखा था तब ये नन्हा सा पौधा था और जब सैलानी वँहा बसे तब वो पेड़ थोड़ा लम्बा हो गया था | इसके इतने लम्बे जीवन काल में इसपर 14 बार बिजली गिरा , चार सौ साल में इसपर सैकड़ो आँधी-तूफान आये, पर इसका बाल भी बाँका नहीं हुआ | आखिर में इस पर दीमकों की सेना ने हमला कर दिया और इसे धराशाही कर दिया | दीमक इसकी खाल में घुस गये और छोटे -छोटे परंतु लगातार हमला करके इसकी अंदुरुनी शक्ति को खोखला कर दिया | इतना विशालकाय पेड़ जिसकी उम्र की कोई सिमा नहीं थी , जिस पर बिजली या आँधी-तूफान का असर नहीं हुआ था , वो इतने छोटे कीड़े के कारण धराशाही हो गया | जिस कीड़े को इंसान पल में खत्म कर सकता है |

क्या हम इंसान जंगल के उस विशालकाय पेड़ की तरह नहीं है ? क्या हमलोग किसी भी तरह की चुनौतिओं का सामना नहीं कर लेते है, जबकि चिंतारूपी दीमक हमारे दिलो-दिमाग में घर बनाकर हमें अंदर से खोखला कर देते है |

हमारा स्वाभाव ऐसा होगया है की हम हर छोटी-मोटी बात का चिंता करते है | किसी ने कुछ कहा, सुना  तो इसके पीछे घंटो सोचते रहते है, और तो और कुछ ना भी हुआ तो लेटे-लेटे पंखा को देखते हुए ये सोचते है की , कंही ये पंखा खुल के मेरे ऊपर गिर गया तो क्या होगा ? जबकि 99 % इसकी संभावना है ही नहीं लेकिन हम फिर भी सोचते है | हर वो बात जो हमारे अंदर डर पैदा करता है , वही तो चिंता है |

जबकि हम जितना सोचते है उसमें से 99 % बात हमारे जीवन में कभी नहीं होती है | इसके लिए आप प्रैक्टिकल कर सकते है, एक दिन में जो भी चिंता करते है वो डायरी में लिख लें और खुद एनालिसिस करें आपको पता चल जायेगा की ये बातें कितनी महत्त्व रखती है |

मैं एक सच्ची बात बताता हूँ , एक बार में अपनी पत्नी के साथ फिल्म देखने सिनेमाहॉल जा रहा था , मेरी पत्नी मुझ से नाराज़ थी उसने अपने कान में कुछ भी आभुषण नहीं पहन रखी थी | उसे बहुत अजीब लग रहा था लेकिन उसने मुझे बताया नहीं , फिर हमलोग फिल्म देखने गए और फिल्म खत्म होने के बाद बहार निकले तो वो मुझे बोलती है ” कानवाला भी नहीं है कितना खराब लग रहा है ” | मैं उसे देखते हुए बोलता हूँ ” अरे लेकिन किसी ने तो बोला ही नहीं की आप कानवाला नहीं पहने है |

कहने का तात्यपर्य यह हुआ की हम फालतू में चिंता करते है | मैं ऐसा हूँ लोग क्या कहेंगे , मैं वैसा हूँ , बगेरा -बगेरा |

चिंता दूर करने का तरीका :

अभी तो बात हुआ चिंता का लेकिन अब करते है इसके तरीके का आखिर वो कौन-कौन से तरीके है जिसकी मदद से आप चिंता से मुक्त हो सकते है | चिंता नहीं करना चाहिए ये सलाह आपको कोई भी दे सकता है यँहा तक की जो खुद बहुत चिंता करता है | वो भी आपको ये सलाह देगा की चिंता नहीं करना चाहिए लेकिन फिर करना क्या चाहिए ये आपको कोई नहीं बतायेगा या कुछ गिने-चुने लोग ही बता सकते है |

मैं आपको बता दूँ ये तरीका मैंने डेल कार्नेगी के प्रशिद्ध बुक stop warrying start living से लिया हूँ | जो फार्मूला मैं पहले भी प्रयोग करता था लेकिन  उसका नाम नहीं जानता था | लेकिन ये बुक ने चिंता मुक्ति का फार्मूला भी बताया और मेरी धारणा टेंशन फ्री रहो को बहुत मजबूती भी प्रदान की है | तो चलते है फार्मूला पर

1. डे टाइट

अपने लाइफ को ऐसे जीये की आपको सांस लेने का भी फुर्सत ना मिले , जी हाँ सांस लेने का | आपलोग देखते होंगे जब हम काम में व्यस्त रहते है तो चिंता नहीं करते है , जब काम खत्म हो जाता है तो हम चिंता करना शुरू करते है | भविष्य की चिंता या फिर भुत की चिंता | जबकि सच्चाई यह है की भुत को ना हम बदल सकते है और ना ही भविष्य में जा सकते है, लेकिन फिर भी चिंतित रहते है |

महान फ्रांसिस दार्शनिक मॉन्टेन से भी यही गलती हुयी | उन्होंने लिखा है ” मेरी जिंदगी भयानक दुर्भाग्यों से भरी है , जिसमें से ज्यादातर तो कभी आये ही नहीं |” और यही हल आपकी और मेरी जिंदिगी का भी है |

मैं ऊपर बता चूका हूँ की हम जो सोचते है उसमें से 99 % कभी होता ही नहीं है | हम फालतू में अपने महत्वपूर्ण समय और अपने जीवन को बर्बाद कर रहे है |

हमें ऐसे जीना चाहिए की हमें चिंता करने का समय ना रहे , जब आप दे टाइट लाइफ जीना शुरू करेंगें को आपको इसका पता अपने प्रिय जनो या मित्र जनों से बात करके पता चल जायेगा | लोग अक्सर ये शिकयत करेंगे ” तुम तो बहुत व्यस्त हो गए हो , तुम्हारे पास तो टाइम ही नहीं है |

इसका एक और तरीका है आप जो कुछ भी कर रहे है , उसके बीच में खुद से दो सवाल पूछ सकते है  1. तुम क्या कर रहे हो  2. क्या ये तुम्हारे समय का सबसे बेहतर उपयोग है ?

इसलिए हे मानव ” अतीत और भविष्य को लोहे के दरवाजे से बंद कर दें |

                             एक एक दिन यानि डे टाइट कम्पार्टमेंट में जियें |

2. चिंताविरोधी तकनीक

ये बहुत ही कमाल का तरीका है, इस तकनीक या फार्मूला को विलिस एच्. कैरियर का जादुई फार्मूला कहते है | जो एक इंजीनियर थे ,चिंता को दूर करने का इससे बेहतर तकनीक शायद दूसरा नहीं है |

इस तकनीक के प्रयोग के लिए आपको तीन काम करना है :

a.) खुद से पूछें, ” बुरे से बुरा क्या हो सकता है ?”

b.) अगर जरुरत पड़े, तो उसे स्वीकार करने के लिए तैयार रहें

c.) फिर शांति से बुरे से बुरे को सुधारने का प्रयास करें |

उदाहरण आप किसी ऑफिस में काम करते है, और आपको आपका बॉस कुछ ऐसा काम देता है, जो आपको बहुत मुश्किल लग रहा है आप करना नहीं चाहते है और मना भी नहीं कर पाते है | और फिर शुरू होती है आपकी चिंता ,अब आप ना तो काम करते है और ना ही करना चाहते है |  और बॉस के पूछने पर बोलते है कर दूँगा सर | ऐसे में आप क्या करेंगे , आपके मन में ऐसे वैसे सवाल आएंगे , आप परेशान हो जायेंगे और चिंता में आपको कुछ समझ नहीं आयेगा की क्या होगा | तब आपको ये तरीका अपनाना है

a. ) नहीं किया तो बुरा से बुरा क्या हो सकता है |

पहला : बॉस आपको डांटे और भला -बुरा कह सकता है | दूसरा : आपका सैलेरी और भत्ता रोक सकता है | तीसरा: आपका ट्रांसफर कर सकता है | चौथा : ज्यादा से ज्यादा जॉब से बहार कर सकता है |

इससे ज्यादा क्या हो सकता है , आपकी जान तो नहीं ले सकता है | जब एक बार आप ऐसे सोच लेते है तो डर खत्म हो जाता है | और यदि आप ऐसा नहीं सोचते तो आपको परिस्तिथि से लड़ने का ताकत नहीं मिलेगा और आप तनाव में कुछ उल्टा-पुल्टा कर सकते है | जो अक्सर लोग करते है

b. ) इस स्तिथि को एक बार स्वीकार कर लेते है तो आपका दिमाग शांति से काम करेगा |

c. ) उसके बाद अच्छी तरह से उस काम का एनालिसिस कर के अपना बेहतर करने का प्रयास करें , वो भी परिणाम की चिंता किये बिना

3. चिंता आपके स्वास्थ को प्रभावित करता है

महान यूनानी दार्शनिक प्लूटो ने कहा था ” डॉक्टर सबसे बड़ी गलती यह करते है कि वे मस्तिष्क का इलाज किये बगैर सिर्फ शरीर का इलाज करने कि कोशिश करते है, जबकि मस्तिष्क और शरीर आपस में जुड़े हुए है और उनका अलग -अलग इलाज किया जाना चाहिए “

दुनियाँ में चिंता और तनाव के ऊपर कई शोध हो चुके है , एक शोध के अनुसार एक तिहाई से अधिक लोग उन तीन बीमारियों में से एक के शिकार है, जो जय्दा तनावपूर्ण ढंग से जीने के कारण होती है – ह्रदय रोग , पेट के अल्सर और हाई ब्लड प्रेसर |

इसके ऊपर कई बुक भी लिखे जा चुके है जिसमें से डॉ एडवर्ड पोडोल्स्की की  stop warrying and get well और डॉ कार्ल मैनिंजेर की Men against himself प्रमुख है |

चिंता अच्छे से अच्छे आदमी को भी बीमार बना सकती है | डॉ अलेक्सिस कैरेल  ने कहा था ” जो चिंता से लड़ना नहीं जानते, वो जवानी में ही मर जाते है | “

इसलिए एक स्वस्थ जिंदिगी के लिए चिंतामुक्त जीवन बहुत जरुरी है |

निष्कर्ष

चिंता आपका सबसे बड़ा दुश्मन है , इसे अपने स्वाभाव से बहार निकाल फेंके , नहीं तो आप जवानी में ही मरने के लिए तैयार रहे | वैसे चिंता से मुक्ति के लिए मैं आपको डेल कारनेगी की बुक stop warrying start living पढ़ने का सलाह जरूर दूँगा | यह बुक आपके जीवन को बदल कर रख देगी | बुक का लिंक मैंने ऊपर दिया है आप चाहे तो लिंक से जाके खरीद सकते है |

मैं अपना पोस्ट रोमन कवी होरेस के इस शब्द से खत्म करना चाहूँगा

वही ख़ुशी है और केवल वही खुश है,

 जो आज को अपना कह सकता है,

जो आत्मविश्वास से कह सकता है

” कल, तुम्हे जो करना हो कर लेना , मैंने आज तो जी लिया है | “

यदि पोस्ट पसंद आया हो तो दूसरों के साथ भी साझा करें , और कमेटं करके हमें अपने विचार से अवगत करवा सकते है | पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद

जय हिन्द

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6 Comments

  1. चिंता और चिंता मुक्ति के बारे में बेहतरीन लेख लिखा है आपने मान्यवर।
    आगामी भविष्य के लिए असीम मंगलकामना।

  2. Pingback: खुशी क्या है - नवjeevans wellness नवjeevans खुशी क्या है

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