निजीकरण पर एक मज़ेदार निजी विचार
निजीकरण क्या है, इसको आये दिन हर कोई अपने अनुसार परिभाषित करते रहता है | कुछ लोग निजीकरण के पक्ष में है और कुछ लोग इसके विरोध में होते है | एक ऐसा ही निजीकरण पर डिबेट फेसबुक पर चल रहा था | मैं ये देखने के लिए गया था कि कितने लोग निजीकरण को सपोर्ट कर रहे है और कितने विरोध, लेकिन एक उत्तर मुझे इतना पसंद आया कि मुझे लगा , ये विचार मुझे साझा करना चाहिए |
तो आज के पोस्ट में निजीकरण पर एक निजी विचार साझा कर रहा हूँ | ये विचार है राकेश शिंदे का, जिन्होंने बहुत खूब लिखा है |
इससे पहले आगे बढ़े मैं भी अपना विचार रख देना चाहता हूँ | में सरकारी नौकरी करता हूँ लेकिन निजीकरण का समर्थन करता हूँ | क्यूँकि हमारे समाज में किसी के टैलंट का लेवल सरकारी और प्राइवेट के आधार पर तय होता है, जो कहीं से उचित नहीं है | इसके बहुत पक्ष है, सरकारी नौकरी के होंगे कुछ अच्छे पक्ष लेकिन ज्यादातर इसके नेगेटिव पक्ष ही है |
मैं आपको एक छोटा से उदहारण से समझने का प्रयास करता हूँ | जब तक मेरा सरकारी नौकरी नहीं लगा तब तक मुझे 2 -3 लाख दहेज़ मिल रहा था | लेकिन मुझे जैसे ही नौकरी लगा , मेरे घरवाले मेरे शादी के लिए 15 -20 लाख का डिमांड करने लगे साथ में दुनियाँ भर का नखरा अलग से |
लेकिन मेरे नौकरी लगने के बाद भी यदि मैं अपने बहन का शादी करता हूँ तो भी लड़का 5 लाख तक हो जाना चाहिए ऐसा एक लक्ष्य लेकर चलता हूँ | अब आप ही तय कीजिए मेरा लेवल क्या है |
शायद में जो कहना चाहता हूँ वो आप समझ गए होंगे | इसके कई दुष्परिणाम है लोग सरकारी नौकरी के लिए 10 -10 लाख तक घुस देना पसंद करते है लेकिन निजीकरण का विरोद करते है | और कहते है भ्रस्टाचार बढ़ गया |
टैलंट है जो रिलायंस और टाटा ज्वाइन करो ना,कोई घुस भी नहीं देना पड़ेगा | लेकिन नहीं सिर्फ सरकार को गाली देना है |
फेसबुक पर घोड़ा और गधा का तुलना करते रहते हो , निजीकरण से आरक्षण भी खुद व् खुद आरक्षण खत्म हो जायेगा फिर विरोध कैसा |
खैर छोड़ए थोड़ा इमोशनल हो जाता हूँ। …….. ,अब चलता हूँ उस निजी विचार पर जो आपको बहुत मजेदार लगेगा |
निजीकरण पर एक निजी विचार
आप सुबह उठकर चप्पल पहनते हैं। वह निजी कम्पनी ने बनाया है।
फिर वाशरुम जाते हैं, वह घर भी किसी निजी क्षेत्र ने ही बनाया है।
अब आप साबुन/ हैंडवाश से हाथ धोते हैं, वह भी निजी क्षेत्र ने बनाया है।
अब आप ब्रश उठाते हो और उस पर मंजन लगाते हो, वह भी निजी क्षेत्र ने बनाया है।
अब आप बाहर निकलते हैं और तौलिये से मुह पोछते हैं और सोफे/ कुर्सी पर बैठते है, यह भी निजी क्षेत्र ने बनाया है।
इसके बाद अब आप मोबाईल चलाते हैं और तीव्र गति से फेसबूक देख रहे होते हैं, यह सब भी निजी क्षेत्र ने बनाया है।
अब आपकी मिसेज़ आपके लिये नाश्ता बना रही हैं, आपकी मिसेज़ 😁 और वह नाश्ता भी निजी क्षेत्र के है।
जिस बर्तन में परोसा गया और जिस बार से उसे धुला गया और धुलने के लिये जिसको रखा भी गया, वह सब भी निजी क्षेत्र के उत्पाद है।
अब आप नहाने जाते हैं और शैम्पू, बाडी वाश, रेजर का इस्तेमाल करते हैं, सब भी निजी क्षेत्र का उत्पाद है।
नहाने के बाद आप जो तेल, क्रीम, पाउडर, कंघा आदि इस्तेमाल करते हैं, वह सब भी निजी क्षेत्र का उत्पाद है।
उसके बाद आप जो कपड़े, बेल्ट, टाई, पर्स पहनते हैं, वह भी निजी क्षेत्र का है।
अब आप अपने गाड़ी, कार आदि को स्टार्ट करते हैं या फिर आटो, टेम्पो, रिक्सा पकड़ते हैं, वह भी निजी क्षेत्र का है।
यदि आप उन 1% लोगों में नहीं हैं, जो सरकारी नौकर हैं, तो आप जिस गली, मुहल्ले, दुकान, माल, आफिस में काम करने जा रहे हैं, वह भी निजी क्षेत्र का है।
आप दोपहर में जो टिफ़िन लेकर गये थे खाने के लिये, वह भी निजी क्षेत्र का है।
दोपहर के बाद आप थोड़ा चाय सिगरेट काफी के लिये आफिस के बाहर आते हैं, वह भी निजी क्षेत्र का है।
अब शाम हो आयी है, घर लौट रहे है, उसी निजी क्षेत्र के वाहन से…
शाम को बैठकर टीवी देख रहे हैं, कोई चैनल लगाया, पंखा चलाया रिलैक्स हुए, यह सब निजी क्षेत्र का है।
अभी अभी दूध वाले ने आवाज लगाई, कपड़े धोने वाला कपड़ा लेकर आया, यह सब निजी क्षेत्र के हैं।
अब आप अपने बच्चो के साथ बैठे हैं, बच्चो को सरप्राईज़ करने के लिये आपने अचानक कुछ चाकलेट और खिलौने निकाले, यह सब निजी क्षेत्र के उत्पाद हैं।
अब आप अपने निजी पत्नी के साथ 😃 बच्चो के लेकर जिस टेबल कुर्सी पर बैठकर खा रहे हैं, वह भी निजी क्षेत्र का है।
अब 09 बज चुके हैं। आप ने गलती से निजी क्षेत्र का चैनल NDTV लगा दिया वहा निजी क्षेत्र के रिपोर्टर रवीश कुमार प्रकट हुए, वह भी निजी क्षेत्र के कर्मचारी हैं।
उन्होने बताया की मोदी निजीकरण करके देश बेच रहे हैं।
अब आप अपने निजी पत्नी के साथ निजी क्षेत्र द्वारा बनाये बिस्तर और पलंग पर बैठकर इस निजीकरण से बेहद चिंतित हैं। आपकी रातों की नींद गायब है।
ईश्वर आप का कल्याण करें।
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निजीकरण पर लिखा गया यह लेख कुछ हद तक सटीक शाब्दिक चित्रण करता है।
बिल्कुल नया प्रयोग करने के लिए असीम मंगलकामनाएं।
आगामी भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।
प्रसंशा के लिए धन्यवाद