सचिन पायलट राजनीत का एक बेदाग चेहरा

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सचिन पायलट

राजस्थान के राजनीती का बहुत ही बड़ा खिलाडी सचिन पायलट , जो की कांग्रेस पार्टी के कुछ गिने -चुने नेता में है जो की पुरे देश में एक अच्छे चेहरे के रूप में अपनी पहचान बनाई है | उनको कांग्रेस पार्टी ने बहार का रास्ता दिखा दिया | ये कांग्रेस का नुकसान है या पायलट ये तो वक्त बतायेगा | लेकिन कहने वाले ये जरूर कह रहे है की ये कांग्रेस पार्टी का नुकसान है | क्यूँकि पायलट जैसे नेता का हर पार्टी दिल खोलकर स्वागत करने के लिए तैयार है |

आज हम अपने इस पोस्ट में सचिन पायलट के जीवन परिचय के बाड़े में जानेंगे और उनकी उपलब्धि के बाड़े में भी चर्चा करेंगे |

ये सच्चाई है की सचिन पायलट को भी राजनीती विरासत में ही मिला है लेकिन उन्होंने अपने बलबूते इतना कुछ हासिल किये है | कभी किसी भी नेता या राजनीतक दल ने उनपर वंशवाद का आरोप नहीं लगाया है | सचिन पायलट कांग्रेस के दिगज नेता राजेश पायलट के पुत्र है सचिन की माँ रमा पायलट का भी राजनीतिक सम्बंद रहा है |

सचिन पायलट का जन्म 1977 में उत्तर -प्रदेश के सहारनपुर में हुआ था | सचिन के पिता एयरफोर्स में थे जिसके कारण उनका प्रारंभिक पढ़ाई एयरफोर्स स्कूल में हुआ | बाद में उन्होंने स्नातक दिल्ली के सेंट स्टीफन्स स्कूल से किया | और उसके बाद की पढ़ाई के लिए वो अमरीका चले गए और पेंसिलवानिया विश्वविद्यालय के व्हॉर्टन स्कूल से एमबीए की डिग्री भी हासिल की।

पायलट बचपन से अपने पापा के तरह पायलट बनाने का सपना देखते थे |  लेकिन आँखों को रौशनी कम होने के कारण उनका चयन नहीं हो सका | हालाँकि सचिन पायलट को प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन किया गया, सचिन पायलट इस पद को पाने वाले पहले केंद्रीय मंत्री बनेथे |

सचिन पायलट कांग्रेस पार्टी में ज्वाइन करने से पहले बीबीसी के दिल्ली स्थित कार्यालय में बतौर इंटर्न और अमरीकी कंपनी जनरल मोटर्स में काम कर चुके हैं |

जँहा राजनीत में राहुल गाँधी जैसे लोग जो 50 वर्ष के उम्र में भी शादी नहीं कर रहे है , इसके उलट सचिन पायलट मात्र 27 वर्ष की आयु में ही शादी के बंधन में खुद को बांध लिया , सचिन पायलट  ने सारा पायलट से शादी की जो की फारुख अब्दुला की बेटी तथा उम्र अब्दुल्ला की बहन है |अभी दोनों दो बच्चों के माता -पिता है|

सचिन के जीवन का राजनीतिक सफर शुरू होता है 2002 में जिसका बहुत बड़ा कारण होता है सचिन के पिता राजेश पायलट का मिर्त्यु , सन 2000 में राजेश पायलट का एक सड़क दुर्घटना में देहांत हो जाता है |  जिसके बाद सचिन राजनीत में आने का फैसला करते है |

और 2002 में वो कांग्रेस पार्टी में ज्वाइन करते है उस समय सचिन का उम्र  सिर्फ 25 साल था | और वो पहली बार संसद का चुनाव 2004 में  राजस्थान के दौसा सीट से लड़ते है और वे इस चुनाव को 1 लाख से अधिक वोट से जीतते है | उस समय सचिन संसद बनाने वाले सबसे युवा नेता थे |

सचिन पायलट ने अपने काम से लोगों को बहुत ही ज्यादा प्रभावित किया है | जिसके परिणाम स्वरुप उनको रैली में सुनने के लिए लोग दूर -दूर से आते थे | सचिन के बात करने की कौशल ने लोगो को बहुत ही ज्यादा प्रभावित किया |

वो अक्सर जनता के बीच अपने गाड़ी को खुद चला कर जाते थे | राजस्थान में कॉग्रेस को मजबूत करने में उनका बहुत ही बड़ा योगदान था | वो राजस्थान की राजनीत के साथ देश की राजनीती का बहुत बड़ा नेता बनकर उभरे |

2014 में उन्हें राजस्थान कांग्रेस कमिटी का अध्यक्ष बनाया गया और पहली बार कांग्रेस पार्टी 100 का अकड़ा पार करने में सफल हुआ | सचिन पायलट इस चुनाव में मुख्य मंत्री पद के प्रमुख दावेदार थे , लेकिन कांग्रेस पार्टी ने सचिन पायलट को दरकिनार कर कई बार के मुख्य-मंत्री अशोक गहलोत को ही CM बनाया ,और सचिन पायलट को Vice Chief – Minister बनाया | 

सचिन पायलट , ज्योति सिंधिया के साथ उन गिने -चुने नेता में से थे जो राहुल गाँधी के करीबी लोगों में से एक थे | जो लोक-सभा 2019 के पहले की जो कांग्रेस की टीम था उसका प्रमुख सदस्य में से एक थे |

सचिन पायलट समय के साथ बहुत ही ज्यादा पॉपुलर होने लगे , सचिन की पॉपुलैरिटी का अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते की जब कांग्रेस 2019 के लोक -सभा के चुनाव में बुरी तरह से हरा गयी तो दबाब में राहुल गाँधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया तब कांग्रेस में ऐसा लगा की अब समय आ गया है, की गाँधी परिवार से बहार के व्यक्ति को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जायेगा |

जो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में था वो थे  ज्योतिराज सिंधिया और सचिन पायलट , जिसके समर्थन में कई नेता ने अपना आवाज भी बुंलद किया था | ये वो नेता थे जो भविष्य का कांग्रेस थे | लेकिन कांग्रेस ने इनके बढ़ते कद के कारन परेशान होकर इन नेताओं को साइड करने का फैसला कर लिया था |

जिसका परिणाम था की इन दोनों नेताओ को कांग्रेस ने तरजीह देना बंद कर दिया | जिसका परिणाम था की पहले ज्योतिराज सिंधिया ने पार्टी छोड़ दी और अब सचिन पायलट को पार्टी ने उनको सारे पद से हटाने का फैसला किया |

1. सबसे कम उम्र में संसद बनने वाले युवा नेता

2. सचिन पायलट को प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन किया गया, सचिन पायलट इस पद को पाने वाले पहले केंद्रीय मंत्री बनेथे

3. सचिन पायलट राजस्थान के सबसे युवा उप -मुख्य मंत्री बने है |

4. साल 2012 में सचिन कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री बने और 2014 तक इस पद पर बने रहे।

5. नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत सलाहाकार समिति के सदस्य और गृह मामलों की समिति के सदस्य (5 अगस्त 2006-2009)

जब अमूमन किसी नेता को पार्टी से बहार किया जाता है तो पार्टी का कोई भी सदस्य उसपर अपना विचार नहीं रखते है | लेकिन सचिन पायलट के अपमान के बाद कई युवा नेता ने उनके समर्थन में अपने आवाज़ बुंलद किये है |

  • बेहतर होगा , पार्टी सचिन पायलट को समझाये और रोके – संजय निरुपम
  • एक और दोस्त ने पार्टी दी , सचिन और ज्योतिराज सहकर्मी और अच्छे दोस्त थे , दुर्भाग्य से हमारी पार्टी ने 2 दिज्जग युवा नेताओं को दिया है | मैं नहीं मानती कि महत्वकांक्षी होना गलत है | उन्होंने सबसे कठिन समय में कड़ी मेहनत की है  – प्रिय दत्त
  • कांग्रेस पार्टी को हर हालत में सचिन को मनाना चाहिए , सचिन एक कद्दावर नेता है , उनके जाने से पार्टी को नुकसान होगा , ऐसे ही बहुत से नेता है जो कांग्रेस पार्टी को मजबूती देना चाहते है | कांग्रेस को उनको आगे लेकर आना चाहिए , कांग्रेस को अपनी सोच बदलनी पड़ेगी – कुलदीप बिश्नोई
  • सचिन पायलट सिर्फ मेरे साथ काम करने वाले नहीं बल्कि मेरे दोस्त भी है , इस बात से कोई नकार नहीं सकता कि उन्होंने पुरे समर्पण के साथ पार्टी के लिए काम किया है | उम्मीद करता हूँ की ये स्तिथि जल्द सही हो जाएगी , ऐसी नौबत आई इससे दुखी भी हूँ – जितिन प्रसाद

कांग्रेस पार्टी ने उन्हें पार्टी से बहार नहीं निकला लेकिन उनसे सारे पद छीन कर उनके पर क़तर दिया है | और जिस तरह से उनका अपमान किया है उसको देख कर ये तो नहीं लग रहा है की सचिन पायलट कांग्रेस में रुकने वाले है | लेकिन कँहा जाने वाले है वो भी कोई नहीं जनता है | सचिन पायलट जैसे युवा और साफ -सुथरी छवि वाले नेता इस देश में और खासकर कांग्रेस पार्टी में तो बहुत ही कम है | कम से कम ये तो कह सकता हूँ की सचिन का भविष्य कांग्रेस पार्टी क भविष्य से तो बेहतर ही है |

जय हिन्द


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