world population day मानाने का उदेश्य और इसे control करने के तरीक

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world population day

“कहते है इस पृथ्वी का सबसे बड़ा वरदान मानव जाती है , लेकिन अब ये मानव जाती इस ग्रह के लिए सबसे बड़ा अभिशाप साबित होता जा रहा है | ” जिस तेजी से जनसँख्या बढ़ रही है, इसके दुष्परिणाम आये दिन हम देख रहे है | मानव जाती कि जनसँख्या जिस तेजी से बढ़ रहा है , उसी अनुपात में इस धरती के दूसरे प्राणी घटते जा रहे है | आज जंगल कम होता जा रहा है , सागर का स्तर बढ़ रहा है , मौसम के मिजाज को समझाना मुश्किल हो रहा है , अशिक्षा, बेरोजगारी, भुखमरी और गरीबी अनियंत्रित होती जनसँख्या का ही परिणाम है|  बढ़ती जनसँख्या की इस बड़ी समस्या से निपटने के लिए परिवार नियोजन जैसे समाधान मौजूद हैं लेकिन लोगों में जागरूकता की कमी के कारण इस समस्या से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है और यह लगातार बढ़ती ही जा रही है|  बेवजह और लगातार बढ़ती पॉपुलेशन पर ब्रेक लगाने के लिए ही दुनियाभर में 11 July को World Population Day  मनाया जाता है |  

तो आज के इस पोस्ट में हम world population day मानाने के कारण , इसके उदेश्य , world population day -2021 का थीम और world population day से  जुडी कुछ बेहद ही रोचक तत्व जानेगें |

World Population Day कि शुरुआत कब हुआ था ?

UNO ने 11 जुलाई 1989 को आम सभा में ‘ World Population day’ मनाने का फैसला लिया था | दरअसल 11 जुलाई 1987 तक विश्व के जनसँख्या  का आंकड़ा 5 अरब के भी पार पहुंच चुका था|  तब दुनिया भर के लोगों को बढ़ती आबादी के प्रति जागरूक करने के लिए इसे वैश्विक स्तर पर मनाने का निर्णय लिया गया था | जिसके बाद हर साल 11 जुलाई को world population day मनाया जाने लगा |

हर साल world population day का एक थीम होता है | world population day -2021 का थीम है – अधिकार और विकल्प उत्तर हैं: चाहे बेबी बूम हो या बस्ट, प्रजनन दर में बदलाव का समाधान सभी लोगों के प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकारों को प्राथमिकता देना है |

जनसँख्या वृद्धि के कारण -What is the basis reasons behind increase the population in Hindi ?

  • महिला व् पुरुष में जागरूकता कि कमी
  • लड़कियों को गर्भनिरोधक संबंधी जानकारी ना होना
  • कम उम्र में लड़कियों की शादी होना
  • लड़कियों में शिक्षा की कमी है सबसे बड़ा कारण
  • शादीशुदा जोड़ों पर बच्चे पैदा करने का दबाव।
  • परिवार नियोजन की जानकारी ना होना

महिलाओं में जागरूकता की कमी है सबसे महत्वपूर्ण कारण

बढ़ती जनसंख्या का सबसे बड़ा कारण महिलाओं में जागरूकता की कमी है। हालांकि शहरी क्षेत्रों में इस मुद्दे पर काफी बदलाव आया है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी कई महिलाएं है जो बढ़ती जनसंख्या के मुद्दों को लेकर अंजान है। अगर महिलाएं जागरूक हो जाए और कुछ बातों का ध्यान रखें तो बढ़ती आबादी को आसानी से कंट्रोल किया सकता है।

जनसँख्या नियंत्रण के सबसे आसान तरीके

परिवार नियोजन’ है सबसे आसान तरीका

पहले के समय में महिलाएं अपने पार्टनर से खुलकर बात भी नहीं कर पाती थी लेकिन अब समय बदल गया है। हालांकि अभी भी कुछ महिलाएं इस टॉपिक पर अपने पार्टनर से खुलकर बात नहीं कर पाती लेकिन अब आपको अपनी सोच बदलने की जरूरत है। अपने पार्टनर से परिवार नियोजन के बारे में खुलकर बात करें और जनसँख्या नियंत्रण करने में अपना सहयोग दें।

कम उम्र में ना करें शादी

दुनियाँ के हर देश ने अपने जरूरत के अनुसार लड़के और लड़की की शादी की उम्र तय किया है | जिसके बाबजूद अभी भी बहुत सारि शादियाँ तय समय से पहले कि जाती है | जिसके कारन लड़कियाँ कम उम्र में ही मां बन जाती है, जो जनसंख्या वृद्धि दर का कारण है। महिलाओं को चाहिए कि वो 18 -21  की उम्र से पहले शादी ना करें। वैसे भी मेडिकल टर्म के अनुसार, महिलाओं की प्रेगनेंट होने का सही उम्र 25-30 है।

पहले व दूसरे बच्चे में अंतर

महिलाएं 2 बच्चों के बीच कम से कम 3 साल का अंतर रखें और 2 बच्चों से अधिक ना करें, ताकि जनसँख्या के साथ अपने जीवन को भी नियंत्रित किया जा सके सके।

जनसँख्या नियंत्रण के विकल्प

World Population Day का उद्देश्‍य दुनियाभर में आबादी से जुड़ी समस्‍याओं के प्रति लोगों को जागरुक करना है|  जिसके तहत फैमिली प्‍लानिंग , जेंडर इक्‍वैलिटी, गरीबी, मेटरनल हेल्‍थ और मानवाधिकार से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जाती है | इस दुनियाँ के लिए भी बढ़ती आबादी कई समस्‍याओं का कारण बनती जा रही है|  इसकी वजह बर्थ कंट्रोल से जुड़ी जानकारियों का अभाव भी माना जाता है | दरअसल हमारे देश में बर्थ कंट्रोल के रूप में सबसे ज्‍यादा प्रचलन नसबंदी, कॉन्डम और गर्भनिरोधक गोलियां ही हैं |

जबकि NHSUK के मुताबिक, ऐसे बहुत से गर्भनिरोधक तरीके भी हैं जिनके बारे में लोगों को बहुत कम जानकारी है | तो आइए जानते है बर्थ कंट्रोल के अन्य क्‍या क्‍या तरीके हैं जिसे आसानी से अपनाया जा सकता है |

1.बर्थ कंट्रोल इंप्लांट

बर्थ कंट्रोल इंप्लांट बांह में ऑपरेशन के जरिए लगाया जाता है। इसके जरिए प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन शरीर में धीरे-धीरे घुलता है, जिससे 3 साल तक प्रेग्नेंसी कि संभावना कम होते हैं। इसमें महिलाओं को किस भी तरह गोली या इंजेक्शन की टेंशन नहीं होती और इससे किसी भी तरह के इंफैक्शन का डर भी नहीं होता। हालांकि इसकी वजह से कभी-की पीरियड्स पूरी तरह से रुक जाते हैं।

2.गर्भ निरोधक गोलियां

अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए गर्भ निरोधक सबसे आसान तरीका है। अगर महिलाएं इन्हें समय व सही तरीके से लेती रहें तो प्रेग्नेंसी रोकने में 90% तक असरदार भी होती हैं। हालांकि इन्हें लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

3.फीमेल कंडोम

सिर्फ पुरुष ही नहीं, महिलाओं की कंडोम भी आती है। आज से दो दशक पहले ही वुमन कंडोम Market में आ गया था | लेकिन आज भी बहुत सी महिलाएं इसे लेकर अंजान है। बता दें कि परिवार नियोजन के लिए यह भी बिल्कुल सुरक्षित तरीका है।

4.वेजाइनल रिंग

गर्भनिरोधक गोलियों की तरह परिवार नियोजन के लिए यह रिंग भी बिल्कुल सुरक्षित है। यह डिवाइस एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन रिलीज करती है जिससे कॉन्ट्रसेप्शन होता है। इसे इंटरकोर्स के बाद लेना पड़ता है, जिससे यह हॉर्मोन्स को कम मात्रा में रिलीज करती है।

5.स्टेरेलाइजेशन

यह एक परमानेंट गर्भनिरोधक है, जिसे ऑपरेशन या ट्यूबेक्टॉमी भी कहा जाता है। इसमें सर्जरी के द्वारा उस रास्ते को बंद कर दिया जाता है, जिनसे अंडे स्पर्म से मिलते हैं। यह उन महिलाओं के लिए बेहतर ऑप्शन है, जो आगे चलकर बच्चा नहीं करना चाहती।

6.IUD (इंट्रा यूटेराइन डिवाइस)

इंट्रा यूटेराइन डिवाइस दो तरह का होता है – टी(T) और यू(U)। इन्हें यूट्रस में लगाया जाता है, जिससे ऑव्युलेशन के बाद अंडे फर्टाइल होने के लिए यूट्रस में नहीं पहुंच पाते। इससे प्रेग्नेंसी के चांसेस लंबे समय तक टल जाते हैं। इसमें महिलाएं 3, 5 या 10 साल तक का विकल्प चुन सकती हैं। अगर आप एक बच्चे को जन्म दे चुकीं है तो यह आपके लिए बेहतर तरीका है।

7.डायाफ्राम का प्रयोग

डायाफ्राम दरअसल लेटेक्स या सिलिकॉन से बना हुआ एक लचीली रिम वाला कप होता है जो डॉक्‍टरों की सलाह लेकर वेजाइनल के अंदर फिट किया जाता है जिससे अंडे फ़र्टिलाइज़ ना हो सके. बता दें कि सेक्स के बाद डायाफ्राम को कम से कम 6 घंटों तक वेजाइनल के भीतर ही रखा जाता है|

8.इमरजेंसी गर्भनिरोधक गोलियां

इसे असुरक्षित यौन संबंध होने पर 72 घंटों के भीतर लेना होता है.  इसमें मौजूद हार्मोन सिंथेटिक होता है इसलिए यह शरीर के लिए हार्मफुल भी होता है.

नोट : ये पोस्ट आपको इन option के बाड़े में aware करने के उदेश्य से है , ये किसी प्रकार का सलाह है इसलिए कुछ भी प्रयोग करने से पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर लें |

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इस पोस्ट में यदि आपको किसी प्रकार कि त्रुटि लगे तो आप कमेंट के माध्यम से मुझे बता सकते है | मैं इसे सुधारने के लिए प्रतिबद्ध हूँ | पूरा पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद|

जय हिन्द

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