An Inspirational story of रुमा देवी

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रुमा देवी

आज हम एक महिला के सक्सेस स्टोरी लेके आया हूँ ,  उस महिला का नाम रुमा देवी है जिसे आप में से कुछ लोग जानते भी होंगे लेकिन ज्यादातर लोग अभी भी अनजान है , रुमा देवी कौन बनेगा करोड़पति (KBC -19 ) में भी भाग ले चुकी है | एक समय ऐसा था जब इनके पास ठीक से खाना खाने के भी पैसे नहीं था लेकिन अब ये महिला यूरोप घूम रही है | हाल ही में मैंने इंटरनेट पर इनके यूरोप टिप का फोटो देखा | जिसके बाद मुझे रुमा देवी के सक्सेस स्टोरी लिखने का विचार आया |

तो दोस्तों अपने इस पोस्ट में आपको रुमा देवी के सफलता के बाड़े में बताऊंगा की उन्होंने ऐसा किया कि उनका पूरा जीवन ही बदल गया |

रूमा देवी अभी भारत के सबसे बड़े फैशन डिजानर में से एक है , इनके और इनके टीम के द्वारा डिज़ाइन किये हुए कपडे पुरे विश्व में सेल हो रहा है | साल 2019 में रुमा देवी डिज़ाइनर ऑफ़ ईयर रही है | लेकिन हमेशा ऐसा नहीं था |

रूमा देवी मूलरूप से बाड़मेर जिले के मंगला की बेड़ी गांव की रहने वाली हैं।, इनका बचपन बहुत ही मुश्किल भरा रहा है , जब इनका उम्र सिर्फ 5 वर्ष होता है तभी इनके माता का मृत्यु हो जाता है, और इनके पिता दूसरी शादी कर लेते है , रुमा देवी अपने चाचा के साथ रहते है | KBC में ये बताती है की बचपन में इनको 10 -10 किलोमीटर दूर से बैल -गाड़ी से पानी लाना पड़ता था | इन्होने तरीके से पढ़ाई भी नहीं की है , रुमा देवी मुश्किल से 8 वीं तक पढ़ाई की है

बाद में इनका बाल -विवाह हो जाता है , इनका शादी सिर्फ 17 साल की उम्र में कर दिया जाता है, ससुराल में भी स्तिथि बहुत अच्छी नहीं थी | रुमा KBC में बताती है उनका एक 2 दिन का बेटा होता है जिसका पैसे की अभाव में मौत हो जाता है |

यही उनेक जीवन का टर्निंग पॉइंट होता है | रुमा देवी अब अपना जीवन को बदलने के फैसला करती है और आत्मनिर्भर बनाने का फैसला करती है |

SHG-GROUP की शुरुआत

रुमा देवी अपने बचपन में दादी से जो कुछ सीखा थी उसी को आकर देने का शुरुआत करती है और साल 2006 में गाँव के 10 महिला के साथ दीप-देवल नाम का एक स्वयं सहायता समूह बनती है और उसके साथ मिलकर कपड़ा, धागा और प्लास्टिक के पैक्ट्स खरीदकर कुशन और बैग बनाने शुरू करती है । ये समूह का शुरआत उन्होंने इस सोच के साथ शुरू किया था कि उनके घर का खर्चा निकल सके | रुमा देवी बताती है ये भी इतना आसान नहीं रहा था , इसके लिए उनको घरवाले के बहुत ताने सुनने पड़ते थे | लेकिन उन्होंने इनका परवाह नहीं कि और एक छोटा सा कमरा लेके अपना काम शुरू करती है | हालाँकि शुरुआत में उतनी सफलता नहीं मिलता है |

सफलता की शुरुआत

 लेकिन दो साल तक लगातार मेहनत करने के बाद रुमा देवी अपने समूह के साथ एक गैर सरकारी संगठन ग्रामीण विकास और चेतना नामक संस्थान से जुड़ जाती है | ये संस्था पहले से ही बाड़मेर जिले में काम कर रही थी  | इसका काम था संस्था को जरुरी माल उपलब्ध करवाना और साथ में बने सामान को देश के विभिन्न हिस्से में आयोजित होने वाले प्रदर्शन में भेजना जिससे इसको प्रशिद्धि भी मिला और अच्छी कमाई भी हुई |

रुमा देवी जैसी महिला को बस प्लेटफार्म का जरुरत था जो ये संस्था ने दे दिया था | ये संस्था साल 2010 में रुमा देवी को इस संस्था का अध्यक्ष नियुक्त करता है और उसके बाद रुमा देवी इस संस्था को एक नयी ऊंचाई देते है |

उसके बाद इन्होने बाडमेर जिले के गाँव -गाँव , क़स्बा-क़स्बा जा कर अपना सेंटर स्थापित करना शुरू कर दी | और महिलाओं को सिलाई प्रशिक्षण  , स्किल्स डेवलोपमेन्ट प्रशिक्षण , डिज़ाइन प्रशिक्षण , जैसे जागरूक करना शुरू की , सरकारी स्कीम के बाड़े में महिलाओं को बताती थी , डिज़ाइन का प्रदर्शन करने लगी , स्वंम सहायता समूह से जोड़ना , जैसा काम करके अकेले बाड़मेड़ जिले में 22000 से ज्यादा महिला को लाभान्वित की और उनके एक अपना स्व -रोजगार उपलब्ध करवाई |

 जिसके कारण आज बाड़मेड़ जिला के कला -संस्कर्ति का राजस्थान के साथ पुरे भारत और विश्व के अलग -अलग देशों में पहचान दिलाई | आज आलम यह रहा कि बाड़मेर के पड़ोसी जिले जैसलमेर, जोधपुर व बीकानेर में आने वाले सात समंदर पार के विदेशी सैलानियों को इस समूह के उत्पाद खासा पसंद आने लगे और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक लोग पसंद करने लगे|  तभी तो लंदन, कोलंबो, जर्मनी व सिंगापुर जैसे फैशन वीक्स में भी उनके उत्पादों का प्रदर्शन हो चुका है।

रुमा देवी कि उपलब्धि

  1. आप उनकी सफलता का अंदाज़ा इस बात से लगा सकते है , जिस रुमा देवी को कभी अपने घर वाले भी ठीक से नाम लेकर नहीं बुलाते थे | आज दुनियाँ उन्हें डॉ रुमा देवी के नाम से जानती है |
  2. रुमा देवी को साल 2018 में भारत सरकार ने नारी शक्ति सम्मान से सम्मानित किया |
  3. रुमा देवी ने  हावर्ड यूनिवर्सिटी में कसीदे के बारीकियों को समझने के लिए आयोजित कांफ्रेंस को सम्बोधित कि थी  ,
  4. रूम देवी 2019 के डिज़ाइनर ऑफ़ द ईयर के ख़िताब से सम्मानित की जा चुकी है |
  5. रुमा देवी को KBC में भी as a guest बुलाया गया , ऐसा बताया जाता है जब इनको पहली बार KBC का कॉल आया था तो इन्होने फेक कॉल समझ कर काट दिया था | लेकिन बार बार कॉल आने पर इन्होने पता लगाया | उसके बाद KBC में पार्टिसिपेट की |
  6. रुमा देवी के जीवन के ऊपर एक डाक्यूमेंट्री भी बन चूका है |

रुमा देवी एक ऐसा नाम जिनके जीवन में 17 साल तक अँधेरा था, लेकिन 21 साल की उम्र तक पहुँचते -पहुँचते उन्होंने अपने जीवन में प्रकश देखा और आज 31 साल के उम्र तक उन्होंने 22000 से ज्यादा लोगों के जीवन को प्रकाशित कर चुकी है और हर दिन किसी ना किसी के जीवन में प्रकाश ला रही है | और अब तो वो भारत के साथ विदेश के लोगों को भी डिज़ाइन का गुर सीखा रही है, और लाखों महिलाओं का प्रेरणा स्रोत बन चुकी है | रुमा देवी के सन्दर्भ में ये लाइन बिल्कुल फिट बैठती है :

         “असफलता मुझे कभी नहीं हरा सकती अगर सफल होने का मेरा दृढ़ निश्चय है”

आशा करता हूँ की आपको ये पोस्ट पसंद आया होगा और आपके अंदर एक नयी ऊर्जा संचार करने में सफल रहा होगा  , यदि पसंद आया तो दूसरों के साथ भी साझा करें|

जय हिन्द

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