जाने गरीबों के मददगार आनंद महिंद्रा का जीवन परिचय

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गरीबों के मददगार आनंद महिंद्रा

एक ऐसा Business-Men जो आये दिन अपने दान और अच्छे कार्य के लिए चर्चा में रहता है | ये बिजनेसमैन अपने दिलचस्प ट्वीट्स और दरियादिली के लिए काफी पॉपुलर हैं | हाल ही, उन्होंने सोशल मीडिया पर दो भाई जो दिल्ली में कचरा उठाने का काम करता है , उसके गाने से इतना इम्प्रेस हुए की उनके लिए म्यूजिक tutor लगा दिया | यदि आप ट्विटर पर होंगें तो आये दिन इनके ट्वीट को पढ़ते रहते होंगे | आपको बता दूँ ये Business-Men  और दानवीर कोई और नहीं बल्कि महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के चैयरमेन आनंद महिंद्रा है |

आज के पोस्ट में हम आपको आनंद महिंद्रा के जीवन परिचय के बाड़े में बताने वाला हूँ | इस पोस्ट में आप आनंद महिंद्रा के जीवन , शिक्षा ,उनके विचार, उनके परोपकारी कार्य, उनके सफलता के सूत्र और उनके बिज़नेस सफर को विस्तार से जानेगें | यदि आपको आनंद महिंद्रा जी के जीवन में दिलचस्पी है तो पूरा पोस्ट जरूर पढ़े |

शुरुआती जीवन

आनंद महिंद्रा के जीवन को जानने से पहले उनके परिवार के इतिहास को थोड़ा टटोल लेते है | आनंद महिंद्रा के दादा जी J C महिंद्रा (जगदीश चंद्र महिंद्रा ) ने ही M & M ग्रुप की शुरुआत की थी , हालाँकि शुरुआत में इसका नाम महिंद्रा एंड मुहमद था | क्यूँकि JC महिंद्रा के जो पाटर्नर थे वो थे मालिक मुहमद गुलाम थे, भारत विभाजन के बाद मालिक मोहमद गुलाम पाकिस्तान चले जाते है और पाकिस्तान के पहले फाइनेंस मिनिस्टर बनते है | जिसके बाद JC महिंद्रा इस बिज़नेस को अपने भाई कैलाशचंद्र महिंद्रा के साथ शुरू करते है और इसका नाम महिंद्रा एंड महिंद्रा कर देते है |

तो आनंद महिंद्रा का जन्म एक बड़े बिज़नेस घराने में 1 मई 1955 को मुंबई में होता है | इनके पिता का नाम हरीश महिंद्रा और मां का नाम इंदिरा महिंद्रा था | आनंद महिंद्रा को दुनियाँ के सबसे अच्छे स्कूल , कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ने का मौका मिला | इनका शुरुआती शिक्षा लॉरेंस स्कूल , लोवेडले से हुआ ,जिसके बाद इनका स्त्नातक अमेरिका के हार्वर्ड कॉलेज (कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स) के ‘डिपार्टमेंट ऑफ विज्युल एंड एनवायरॉनमेंटल से की और इसके बाद ये MBA हार्वर्ड बिजनेस स्कूल (एचबीएस), बोस्टन, मैसाचुसेट्स से पूरी की |

आपको जानकर कर हैरानी होगा की माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स , अंदर महिंद्रा के क्लास्स्मेट थे | हालाँकि बिल गेट्स ने हावर्ड छोड़ दी थी और इसके बाद उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट में लग जाते है | लेकिन आनंद महिंद्रा अपना पूरा शिक्षा खत्म करके भारत लौट जाते है |

आनंद महिंद्रा का परिवारिक जीवन – Earliy Life of Aanand Mahindra In Hindi

हम सील-सिलेवार तरीके से इनके जीवन को देखते है | पहले हम आनंद जी के परिवारिक जीवन को देख लेते है , उसके बाद हम इनके बिज़नेस सफर को देखेंगे | आनद महिंद्रा की शादी अनुराधा महिंद्रा से होता है | ऐसा बताया जाता है की इनकी मुलाकात इंदौर में होता है और वंही से इनके प्यार का शुरुआत होता है और बाद में दोनों शादी कर लेते है | अनुराधा महिंद्रा का पत्रकारिता जगत से सम्बन्ध रहा है | न्यूज – 18 के अनुसार, अनुराधा “मेंस वर्ल्ड” की संपादक और ” रोलिंग स्टोन इंडिया ” के एडिटर -इन -चीफ है | ऐसा बताया जाता है दोनों ने एक साथ बोस्टन में पढ़ाई भी किये थे | अभी इन दोनों की दो बेटी है |

आनंद महिंद्रा का बिज़नेस सफर– Business Life of Anand Mahindra In Hindi

हावर्ड से शिक्षा प्राप्त करने के बाद वर्ष 1981 में आनंद महिंद्रा भारत लौट आए और इन्होंने यहां ‘महिन्द्रा यूजाइन स्टील कंपनी’ (MUSCO) में वित्त निदेशक के कार्यकारी सहायक के रूप में अपना पहला कार्यभार ग्रहण किया |

वर्ष 1989 में जब महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह का विस्तार हुआ तो ये ‘रियल स्टेट डेवलपमेंट और हॉस्पिटैलिटी’ से सम्बंधित इकाई के अध्यक्ष बने |  वर्ष 1991 में इन्हें ‘महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह’ के उप-प्रबंध निदेशक का कार्यभार सौंपा गया था |

वर्ष 1997 में आनंद जी को M & M का प्रबंध निदेशक (Managing Director ) बनाया गया , तथा इसके बाद वर्ष 2003 में ये कंपनी के वाइस चेयरमैन (Vice Chairmain) बनाए गये |

आनंद महिंद्रा के पास इसके अतरिक्त भी कई जिम्मेवारी थी, जिसमें ‘कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड’ के सह-प्रमोटर की जिम्मेवारी एक था, साल 2003 में इन्होंने इसे बैंक के रूप में तब्दील कर दिया | आनंद महिंद्रा के कुशल प्रबंधन और नेतृत्व ने कोटक महिंद्रा बैंक को भारत के निजी क्षेत्र के बैंकों में अग्रणी स्थान दिलवाया |

साल 2002 में महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह ने स्वदेशी तकनिकी पर विकसित कार (एसयूवी) के नए मॉडल ‘स्कार्पियो’ के नाम से लांच किया. जिसने कंपनी को वैश्विक स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाने में सकारात्मक भूमिका निभाई है.दिलाया |

इसके आलावा आनंद महिंद्रा के लीडरशिप में इस ग्रुप ने बहुत सारी कंपनी का अधिग्रहण करके कई कंपनी को बर्बाद होने से बचाया जो निम्न है

1.  महिंद्रा ने 2009 में  ‘सत्यम् कंप्यूटर सर्विसेज’ को

2. वर्ष 2010 में ‘रेवा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स’ को

3. साल 2011 में साउथ कोरिया कंपनी  ‘स्संग्योंग मोटर कंपनी ( SsangYong Motor Company.)’ को

4. साल 2014 में फ्रैंच कंपनी “पुजौट मोटर साइकल्स (Peugeot Motocycles ) ” को अधिग्रहण किया |

इसके आलावा आनंद महिंद्रा ने ने कंपनी को एक नए और अलग क्षेत्र में पहचान दिलाने के लिए ‘महिंद्रा सिस्टम एंड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी’ की स्थापना की जो अब नए मॉड्यूल्स और बेहतर इंजीनियरिंग सेवाएं कंपनी के लिए उपलब्ध करा रहा है |

साल 2002 में महिंद्रा & महिंद्रा को सेंसेक्स के टॉप 50 लिस्ट ने बाहर कर दिया गया था | लेकिन आनंद महिंद्रा ने सिर्फ ना कंपनी को बचाया बल्कि इसे भारत से निकालकर ग्लोबल कंपनी बनाया | आज ये महिंद्रा ग्रुप दुनियाँ के कई देशों में अपना बिज़नेस फैला चूका है | ये सब आनंद महिंद्रा का vision, mission और लगन का कमाल है |

आनंद महिंद्रा के सफलता के सूत्र– What is the success mantra of Anand Mahindra In Hindi

आनंद महिंद्रा का सफलता तीन शब्द में संगृहीत है | ये शब्द है HBS

H : Humanity

B : Brevity

S : Self-Awareness

Humanity : वो कहते है चाहे आप अपने जीवन में किसी भी स्तिथि या परिस्तिथि में हो आपके अंदर मानवता रहना चाहिए | आनंद महिंद्रा कहते है ये एक ऐसा गुण है, जिससे मुझे सबसे ज्यादा सफलता मिला है | आप आनंद महिंद्रा के दरियादिली को ट्विटर पर देख और पढ़ सकते है | वो आये दिन ऐसे काम करते रहते है | आनंद महिंद्रा जरूरतमंद का मदद करने के लिए जाने जाते है | आनंद महिंद्रा ट्विटर पर बहुत एक्टिव है और अच्छे ट्वीट को शेयर करने से नहीं चूकते है और दूसरों को भी शेयर करने को कहते है | आनंद महिंद्रा के व्यहवहार ने लोगों को M & M ग्रुप के प्रति भरोसा और भी बड़ा है |

Brevity : यँहा brevity का मतलब ताकत और लड़ाई से नहीं है , बल्कि हिम्मत, जोश और जज्बा से है | आपके अंदर कुछ करने का जज्बा रहना चाहिए , फैसला लेने का हिम्मत और कुछ कर दिखाने का जोश रहना चाहिए | आनंद महिंद्रा कहते है ” हमारे देश में लोगों को हर चीज़ को बहुत विस्तार में बताने की आदत होता है,, जबकि होना ये चाहिए कि , आपको चीजों को बहुत ही कम शब्द में ही कहना चाहिए यानि आप अपने बातों को briefly कहे | आपको चीज़ों को simplify करना है उसे और उलझना नहीं है | “

Self- Awareness : ये तीसरा और अति महत्पूर्ण गुण है | आनंद महिंद्रा कहते है ” ये गुण आपको कोई नहीं बता और सीखा सकता , ये आपको खुद पता करने होते है | आपको खुद से पूछना होता है | आपके जीवन का उदेश्य क्या है ? , आप क्या करना चाहते है ? , आपका लक्ष्य क्या है ? तो यदि आप सेल्फ अवेयर है तो आप दुनियाँ के सबसे सुखी और सफल आदमी है |

आनंद महिंद्रा कहते है ये गुण आपको कोई भी HBS(Havard Business School), IIT, IIM या दुनियाँ का कोई और बिज़नेस स्कूल नहीं सीखा सकता है |

पुरुस्कार और सम्मान

2004 में व्यपार के क्षेत्र में अद्भुत योगदान के लिए,इन्हें राजीव गाँधी सम्मान से सम्मानित किया गया

2004 में ही इन्हें नाइट ऑफ़ मेरिट सम्मान से सम्मानित किया गया |

2005 में इन्हें अमेरिकन -इंडियन फाउंडेशन द्वारा लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित किया गया |

साल 2006 में इन्हें बिज़नेस लीडर अवार्ड ऑफ़ द ईयर अवार्ड CNBC एशिया द्वारा दिया गया |

साल 2008 में आनंद महिंद्रा को हावर्ड बिज़नेस स्कूल एलुमनाई अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया |

2012 में इनको US – India Business Council द्वारा ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित किया गया |

साल 2020 इन्हें पदम् भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया |

Take away From life of आनंद महिंद्रा :

1. अपनी छवि बदला : इनका जन्म भारत के बड़े बिज़नेस घराने में हुआ, उसके बाद जिस तरह उन्होंने अपना जीवन में अलग मुकाम अपने दम पर हासिल किया साथ ही M & M को भारत से निकालकर ग्लोबल कंपनी के रूप में स्थापित किया |

2. Humanity : आनंद महिंद्रा के अंदर जरूरतमंद को मदद करने का एक अजीब सा भूख है जो आप हर दिन देख सकते है | आप जीवन में कितने भी सफल हो जायें | आपको जीवन के कुछ बुनयादी बात यद् रखना चाहिए | जिसका हम सब के सामने एक बहुत बड़ा उदहारण आनंद महिंद्रा है |

3. बिज़नेस : आप इनसे सिख सकते है बिज़नेस कैसे करते है , क्यूंकि आज आनंद महिंद्रा जो कुछ भी है उसका सबसे बड़ा कारण महिंद्रा एंड महिंद्रा का सफलता है | तो आप आनंद महिंद्रा से बिज़नेस के गुर तो सिख ही सकते है |

यदि आप आनंद महिंद्रा जी के बिज़नेस गुर को सीखना चाहते है तो राजीव अग्रवाल का बुक Lead with Purpose Like Anand Mahindra पढ़ सकते है | ये बुक आप लिंक से खरीद सकते है |

वैसे आनंद महिंद्रा ने भी एक बुक को लिखे है , जिसका नाम है ” Change the Rules: (Penguin Petit) ” आप ये बुक भी पढ़ सकते है | इस बुक भी आप निचे के लिंक से खरीद सकते है |

आशा करता हूँ आपको आनंद जी के ऊपर आधारित ये पोस्ट पसंद आया होगा है | यदि आपको पोस्ट पसंद आया तो इसे अपने मित्रों और परिवार जनों के साथ साझा करें |

यदि आपको इस  पोस्ट में किसी भी प्रकार का त्रुटि लगता है तो आप हमको comment के माध्यम से बता सकते है | हम उसे सुधारने के लिए प्रतिबद्ध हूँ | पूरा पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद |

जय हिन्द

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